Habits That Ruined The Year: साल 2025 ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि लाइफस्टाइलया सेहत को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी बड़ी बीमारी या हादसे की जरूरत नहीं होती. कई बार रूटीन की छोटी-छोटी आदतें ही धीरे-धीरे शरीर, दिमाग और जीवन की रफ्तार को बिगाड़ देती हैं. मोबाइल स्क्रॉल करते हुए देर रात सोना, समय पर खाना न खाना या खुद को लगातार काम में झोंक देना. चलिए आपको बताते हैं कि कैसे इन आदतों ने आपके पूरे साल को बर्बाद कर दिया है. 

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शारीरिक रूप से एक्टिव न रहना

लंबे समय तक बैठे रहना और शरीर को कम हिलाना 2025 की बड़ी गलती रही. इससे मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ा और मोटापा, डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा.

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अनियमित खाना और मील स्किप करना

नाश्ता छोड़ना या देर रात खाना पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है. पूरे साल लोगों को थकान और चिड़चिड़ेपन की शिकायत रही.

नींद की लगातार कमी

देर रात तक मोबाइल या काम में लगे रहना आम हो गया. कम नींद ने याददाश्त, मूड और इम्युनिटी तीनों पर असर डाला.

जरूरत से ज्यादा स्क्रीन टाइम

मोबाइल और सोशल मीडिया पर घंटों बिताने से आंखों, दिमाग और नींद पर बुरा असर पड़ा. मेंटल स्ट्रेस  और फोकस की कमी बढ़ी.

खराब खानपान और कम पानी पीना

प्रोसेस्ड फूड और मीठे ड्रिंक्स ने शरीर की ऊर्जा छीन ली. डिहाइड्रेशन के कारण पाचन और त्वचा से जुड़ी दिक्कतें बढ़ीं.

मल्टीटास्किंग की आदत

एक साथ कई काम करने की कोशिश ने लोगों को व्यस्त तो रखा, लेकिन प्रोडक्टिव नहीं बनाया. इससे तनाव और मानसिक थकान बढ़ी.

तनाव को नजरअंदाज करना

काम और जिम्मेदारियों के दबाव को हल्के में लेना भारी पड़ा. स्ट्रेस ने नींद, पाचन और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया.

सेल्फ-केयर को टालना

ब्रेक न लेना और खुद के लिए समय न निकालना बर्नआउट की वजह बना. लोगों ने देर से समझा कि सेल्फ-केयर जरूरत है, शौक नहीं.

हर बात पर ‘हां’ कहना

सीमाएं तय न करने से मानसिक और शारीरिक थकावट बढ़ी. दूसरों को खुश करने की कोशिश में लोग खुद को नजरअंदाज करते रहे.

जरूरत से ज्यादा शुगर लेना

हेल्दी दिखने वाले पैकेज्ड फूड्स और ड्रिंक्स में छिपी शुगर नुकसानदेह साबित हुई. इससे वजन और एनर्जी लेवल पर असर पड़ा.

बिना सलाह के सप्लीमेंट्स लेना

जल्दी फिट होने के चक्कर में लोग सप्लीमेंट्स पर निर्भर हो गए. एक्सपर्ट्स के बिना ली गई गोलियां सेहत के लिए खतरा बनीं.

सोशल मीडिया तुलना की आदत

इन्फ्लुएंसर्स की परफेक्ट लाइफ देखकर खुद को कम आंकना आम रहा. इससे आत्मविश्वास और मानसिक शांति प्रभावित हुई.

गलत पोश्चर

गलत तरीके से बैठना और झुककर मोबाइल देखना गर्दन और पीठ दर्द की बड़ी वजह बना. लंबे समय में यह आदत गंभीर समस्या बन सकती है.

नेगेटिव सोच और ओवरथिंकिंग

लगातार नकारात्मक सोचना मानसिक थकान बढ़ाता है. 2025 में यह आदत खुशी और प्रोडक्टिविटी की सबसे बड़ी दुश्मन बनी.

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