बनारस अपने नाम के साथ-साथ अपने स्वाद के लिए भी पूरे दुनिया में प्रसिद्ध है. यहां के स्वाद का आनंद लेने के लिए लोग पूरी दुनिया से यहां आते हैं. यहां के बनारसी पान के अलावा बाटी चोखा, पूरी कचौड़ी, जलेबी, लस्सी, चाट, गोलगप्पे का स्वाद भी अद्भुत है. अगर आप वाराणसी जा रहे हैं, तो काशी विश्वनाथ और कालभैरव के दर्शन के बाद आपको बनारस के इन प्रसिद्ध जगहों का स्वादों जरूर लेना चाहिए.


राम भंडार की पूरी-कचौड़ी 


बनारसी पान की दुनियाभर में अपनी पहचान है. बनारसी पान अपनी पूरी कचौड़ी की तरह प्रसिद्ध है. बनारस में ऐसे कई दुकानें हैं जिनका स्वाद अद्भुत है. इनमें से एक है राम भंडार की दुकान जो वाराणसी के थाठेरी बाजार की गलियों में स्थित है. यहां की पूरी, कचौड़ी और जलेबी का स्वाद बहुत ही स्वादिष्ट है. यह कई सालों से चल रही है. दुकान सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक खुली रहती है.


ब्लू लस्सी की दुकान 


बनारसी पूरी कचौड़ी के अलावा यहां की लस्सी भी बहुत प्रसिद्ध है. मानिकर्णिका घाट के रास्ते में ब्लू लस्सी की दुकान है. इस दुकान पर आपको 120 प्रकार की लस्सी का स्वाद मिलेगा. खास बात यह है कि यहां के स्थानीय लोग ही नहीं, विदेशी मेहमान भी इस लस्सी के दीवाने हैं.


बाबा विश्वनाथ चाट भंडार 


पूरी, कचौड़ी और लस्सी के अलावा, वाराणसी की चाट और गोलगप्पे भी बहुत प्रसिद्ध हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर के पास धूंधी राज गणेश की गली में बाबा विश्वनाथ चाट भंडार की एक प्रसिद्ध दुकान है. इस दुकान पर कई प्रकार की चाट होती है और गोलगप्पे का स्वाद भी अद्भुत होता है. सबसे खास बात यह है कि इस दुकान में किसी भी चाट या अन्य स्वादिष्ट व्यंजन में लहसुन और प्याज का उपयोग नहीं किया जाता है फिर भी स्वाद बेहतरीन होता है. यह दुकान दोपहर 2 बजे से रात 9 बजे तक खुली रहती है.


हींग कचौड़ी 


इन बनारसी स्वादों में से हींग कचौड़ी का स्वाद भी बहुत ही स्वादिष्ट है. गौरी शंकर कचौड़ी वाराणसी के चौक क्षेत्र में लक्ष्मी चायवाला की दुकान के पास एक प्रसिद्ध दुकान है. यहां रोज गरम हींग कचौड़ी बनाई जाती है. खुशबू इतनी है कि जो भी इसके पास से गुजरता है वह यहां रुकने के लिए मजबूर हो जाता है. 


बाटी चोखा 


इन सभी बनारसी व्यंजनों में विशेष बाटी चोखा का स्वाद भी बहुत प्रसिद्ध है. तेलियाबाग में स्थित बाटी चोखा रेस्टोरेंट में आप खाट में बैठकर इसका स्वाद ले सकते हैं. बाटी चोखा के साथ यहां आपको दाल, चावल, छाछ, खीर और पनीर पकोड़ा का स्वाद भी मिलता है. यह दुकान सुबह 11 बजे से रात 10 बजे तक खुली रहती है.


मलइयो


मलइयो ओस की बूंदों से बनता है. जैसे जैसे ठंड बढ़ती है, इसकी खासियत भी बढ़ने लगती है. बनारस में पक्के महाल से लेकर चौक, मैदागिन, गोदौलिया, दशाश्वमेध, गिरजाघर चौराहे तक मलइयो की दूकानें सजी रहती है, लेकिन गर्मी के दिनों में ये बहुत कम जगहों पर मिलती है.


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