नई दिल्ली: ‘सेल्फी’ लेना आजकल के दौर में बेहद पॉपुलर और आम बात है. टीनेजर्स, बच्चों से लेकर युवाओं के लिए सेल्फी लेना जैसे शौक नहीं उनकी जिंदगी की जरूरत बनता जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं सेल्फी ट्रेंड लोगों के लिए जानलेवा हो रहा है. जी हां, कल शाम नागपुर में सेल्फी लेने के चक्कर में 11 लोग डूब गए जिसमें से 2 की मौत हो गई.
क्या था मामला- नागपूर में 11 दोस्तों का ग्रुप पिकनिक पर निकला. इन दोस्तों में से एक का जन्मदिन था. सभी नाव में सवार थे. सेल्फी लेने के लिए सभी दोस्तों के नाव के एक किनारे पर बैठते ही नाव का बैलेंस बिगड़ गया और नाव डूब गई. नाव में सवार सभी 11 लोगों में से 3 की मौत हो गई हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब सेल्फी के चक्कर में लोगों की जान गई है. कई लोग इसी तरह दुघर्टना का शिकार हुए हैं. अब तो आप समझ गए होंगे कैसे सेल्फी लेना हो सकता है खतरनाक. ऐसे में आपको सेल्फी लेते हुए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. सेल्फी लेते हुए बरतें सावधानियां-- बहुत ऊचाईं से या छत के कोने पर खड़े होकर सेल्फी ना लें.
- रेल पटरी, हाथ में बंदूक थामे या किसी खतरनाक जानवर के साथ सेल्फी ना लें.
- पानी के बीचों-बीच, नाव में, सीढियों पर, सड़क के बीच में सेल्फी लेने से बचें.
- चलते हुए सड़क पर सेल्फी ना लें.
- किसी भी एक खतरे वाली जगह पर सेल्फी ना लें जहां से गिरने या चोट लगने का डर को.
- अपनी सेल्फी के चक्कर में दूसरों को खतरे में ना डालें.
सेल्फी से होने वाले नुकसान- मानसिक बीमारी- अगर आपको सेल्फी लेने की आदत है तो ये एक तरह का मानसिक बीमारी का लक्षण भी है. एम्स के मुताबिक, दिनभर सेल्फी लेते रहना एक तरह का ओब्सेशन है और ये आपको बाहरी दुनिया से काटकर सेल्फ सेंटर्ड बना सकता है. सेल्फी की दीवानगी हर उम्र के लोगों को है लेकिन टीनेज और यंग ग्रुप्स के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है.
सेल्फी-एपिलेप्सी– एक रिसर्च के मुताबिक, जो लोग बहुत ज्यादा सेल्फी लेते हैं वे सेल्फी-एपिलेप्सी यानि मिर्गी का शिकार हो सकते हैं. मिर्गी के एक प्रकार को फोटो सेंसिटिविटी एप्लेप्सी कहा जाता है लेकिन ये मिर्गी के कुल केस का सिर्फ 3 फीसदी है और इसके बारे में लोग ज्यादा जानते नहीं हैं. इस रोग से पीड़ित व्यक्तियों को फ्लैश लाइट, प्राकृतिक रोशनी और यहां तक कि विजुएल पैटर्न से भी दौरे पड़ सकते हैं. ये खासतौर पर बच्चों, टीनएजर्स में पाया जाता है और जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है ये परेशानी कम होती जाती है. स्टडी के मुताबिक जो लोग फोटो सेंसिटिविटी मिरगी से पीड़ित होते हैं उन्हें ब्राइट फ्लैश की वजह से दिक्कत हो सकती है और वो ‘सेल्फी-एपिलेप्सी’ का शिकार हो सकते हैं. बेशक, सेल्फी एक फन एक्टिविटी है लेकिन ये आपके लिए डेंजर ना बन जाए इसके लिए सावधानियां जरूर बरतें. नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.