नमक के बिना खाने का स्वाद अधूरा होता है. थोड़ी सी मात्रा में नमक के इस्तेमाल से डिश के कड़वेपन को कम किया जा सकता है. हालांकि नमक का ज्यादा सेवन कई बीमारियों को जन्म भी दे सकता है. ब्लड प्रेशर और हृदय की सुरक्षा के लिए खाने में नमक की मात्रा कम करना जरूरी होता है. नमक कई प्रकार के होते हैं.


टेबलेट साल्ट


आसानी से मुहैया ये नमक आम तौर पर किचन में इस्तेमाल किया जाता है. नमक तैयार करने से पहले इसकी पॉलिशिंग और प्रोसेस किया जाता है. आयोडीन जैसे तत्व को मिश्रित कर थायरायड की समस्या के प्रति सुरक्षित बनाया जाता है. आम तौर पर थायरायड की बीमारी आयोडीन की कमी के कारण होती है. बच्चे के मानसिक विकास के लिए आयोडीन की पर्याप्त मात्रा का होना जरूरी होता है. हालांकि ज्यादा मात्रा में टेबल नमक का सेवन नुकसानदेह हो सकता है.


ब्लैक साल्ट (काला नमक)


हिमालयिन साल्ट को आम बोलचाल की भाषा में काला नमक कहा जाता है. मिश्रित मसाले, चार्कोल, बीज और पेड़ की छाल इस प्रकार के नमक की संरक्षण में इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके अलावा पूरे दिन गर्म ओवेन में रखकर प्रोसेस किया जाता है. इसका इस्तेमाल सूजन, बदहजमी, पेट में जलन जैसी समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है.


हिमालियन पिंक साल्ट (सेंधा नमक)


ये नमक पाकिस्तान के हिमालयी क्षेत्र में पाया जाता है. ये नमक की शुद्ध शक्ल होती है. इसमें 84 प्राकृतिक खनिज और पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं. जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं. इसका रंग सफेद से गहरा गुलाबी होता है. गुलाबी नमक शरीर के अंगों को सुचारू बनाए रखने में मददगार साबित होता है. इससे ब्लड शुगर संतुलित रहता है. ब्लड सेल के ph में सुधार के साथ मांसपेशियों में ऐंठन को कम करता है.


सी साल्ट (समुद्री नमक)


समुद्री जल के वाष्पीकरण से समुद्री नमक तैयार होता है. इसको कम रिफाइन की जरूरत पड़ती है. इसमें आयोडिन की उच्च मात्रा पाई जाती है.


नमक की हर किस्म में आमतौर पर कुछ पौष्टिक फायदे पाए जाते हैं. मगर आयोडीन युक्त नमक अन्य नमक के मुकाबले ज्यादा मुफीद होता है. थायरायड ग्लांड पर रक्षात्मक प्रभाव के लिए इसका सेवन करना चाहिए. अगर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना है, हृदय को सुरक्षित रखना है तो जरूरी है कि नमक का ज्यादा सेवन नहीं किया जाए. विशेषज्ञों के मुताबिक एक चम्मच नमक में 2300 मिलीग्राम सोडियम की मात्रा पाई जाती है. एक दिन में सामान्य लोगों के लिए आयोडीन की ये मात्रा पर्याप्त होती है. हालांकि ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसकी मात्रा घटाकर तीन चौथाई चम्मच कर देना चाहिए. तीन चौथाई चम्मच में 1500 मिलीग्राम सोडियम की मात्रा प्राप्त होगी.


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