टोरंटो: क्या आपने कभी विचार किया है कि मर्दों में विशेष तौर पर पाया जाने वाला टेस्टोस्टेरोन हार्मोन शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल का भी जिम्मेदार हो सकता है. आम तौर पर इस हार्मोन का संबंध मर्दों की यौनक्षमता से किया जाता है लेकिन एक रिसर्च के मुताबिक, इसका हाई लेवल मर्दों के कारोबारी व्यवहार को बदल सकता है जिसका परिणाम शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल भी हो सकता है.
क्या कहती है रिसर्च- शोधार्थियों का मानना है कि इसके हाई लेवल से कारोबारियों का रुझान बदलता है और वह शेयरों का आकलन जरुरत से ज्यादा करते हैं. इसका नुकसान कीमतों में अन्एक्सपेकि्टड ग्रोथ या फिर उसके बाद की तीव्र गिरावट के रुप में देखने को मिलता है.
शोधार्थियों के अनुसार, अमेरिकी शेयर बाजारों में काम करने वाले अधिकतर पेशेवर युवा हैं और नए प्रमाण दिखाते हैं कि बायलॉजी उनके कारोबारी व्यवहार को प्रभावित करता है. मैनेजमेंट साइंस जर्नल में पबि्लश इस रिसर्च के अनुसार शेयर बाजारों में उथल-पुथल का यह एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट- कनाडा की वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में आईवे बिजनेस स्कूल के एमोस नैडलर ने कहा, ‘‘शोध के मुताबिक पेशेवर माहौल में निर्णय निर्माण की प्रक्रिया पर हार्मोन के प्रभावों को समझने की जरुरत है क्योंकि बायलॉजी कारक फाइनेंस जोखिम के लिए खराब हो सकते हैं.
नैडलर ने कहा कि यह पहला अध्ययन है जो बताता है कि टेस्टोस्टेरोन की वजह से शेयर बाजार में मूल्य और रिटर्न की गणना करने मानसिक स्थिति बदल जाती है. इससे टेस्टोस्टेरोन का गणना प्रभाव कारोबारियों के खराब निर्णय का कारण हो सकता है जब तक कि प्रणाली उन्हें ऐसा करने से नहीं रोके.
कैसे की गई रिसर्च- इस रिसर्च में 140 युवाओं को शामिल किया गया जिन्हें एक्सपेरिमेंटल प्रॉपर्टी मार्केट में भाग लेने से पहले ऐसा जैल दिया गया जिसमें टेस्टोस्टेरोन या प्लेसबो था. इसके बाद उन्होंने बोलियां लगाई और कीमतों की पूछताछ की साथ ही वास्तविक धन कमाने के लिए फाइनेंशियल एसेट की खरीद-फरोख्त की.
रिसर्च के नतीजे- सबाद में आकलन करने पर पाया गया कि जिस समूह को टेस्टोस्टेरोन मिला था उनकी बोलियां और कीमतें बुलबुले के समान भ्रामक थीं या उन्होंने लंबे समय तक गलत कीमत लगाई थी. जबकि प्लेसबो लेने वालों के साथ ऐसा नहीं था. प्लेसबो एक तरह की दवा होती है जो मनोचिकित्सकीय लाभ देती है.
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.