Bedwetting Habit in Kids: बिस्तर गीला करना बचपन की एक ऐसी समस्या है, जिसमें बच्चा 5 साल की उम्र के बाद भी नींद के दौरान अनजाने में बिस्तर पर पेशाब कर देता है. बिस्तर गीला करने की यह समस्या लगभग 15-20% 5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों, 10% 7 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों तथा 8% 9 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को प्रभावित करता है एवं इसका गंभीर असर न केवल पीड़ित बच्चों के विकास व व्यवहार, जैसे- आत्म-विश्वास का कम होना, सामाजिक समस्याएं, संज्ञानात्मक समस्याएं, मानसिक समस्याएं आदि पर पड़ता है, बल्कि यह उनके परिवार के लिए परेशानी का सबब होता है.
 
डॉक्टर कहते हैं कि अधिकतर बच्चे 5 वर्ष की उम्र तक अपने ब्लैडर पर पूर्ण नियंत्रण कर लेते हैं. 5 वर्ष की उम्र के बाद भी यदि कोई बच्चा महीने में कम-से-कम दो बार अनजाने में बिस्तर गीला कर ही देता है, तो माना जाता है कि बच्चा बिस्तर गीला करने की समस्या से ग्रस्त है. पर बिस्तर गीला करना कोई ऐसी आम समस्या नहीं है, जिसे नजर अंदाज कर दिया जाए. पर कुछ बातों का ध्यान रखकर इस प्रॉब्लम से बचा जा सकता है जैसे -
 
  • अपने बच्चे को बिस्तर गीला करने की समस्या से निजात दिलाने के क्रम में माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चे को इसके लिए कभी भी सजा ना दें.
  • जिस दिन बच्चे ने बेड गीला नहीं किया उस दिन बच्चे को प्रोत्साहित करें व उसके द्वारा किये जाने वाले प्रयासों के लिए उसकी प्रशंसा करें.
  • बिस्तर पर जाने से पहले बच्चे को पेशाब करने के लिए बोले करें, यहां तक कि तब भी, जब उसे ऐसा करने की जरूरत महसूस न हो रही हो.
  • बिस्तर पर जाने से दो घंटे पूर्व से ही तरल पदार्थों को बिलकुल भी ना दें. सलाह दी जाती है कि पूरे दिन के तरल पदार्थों की जरूरत का 40% सुबह- सुबह दें। 40% दोपहर में दें तथा सिर्फ 20% शाम के वक्त दें.
  • बच्चे को ध्यान दिलाएं कि उसकी इस समस्या से पीछा छुड़ाने के क्रम में आप उसके साथ हैं. समस्या अधिक हो तो इसके लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें.
  • अगर बच्चा 7 वर्ष से अधिक उम्र का है तो अलार्म का इस्तेमाल करें.अगर आप चाहते हैं कि इस प्रॉब्लम से जल्दी छुटकारा मिले तो अलार्म का इस्तेमाल कम-से-कम छह महीनों के लिए करें.
  • अगर ये सारी कोशिशें करने के बाद भी बच्चा बिस्तर गीला कर देता है तो डॉक्टर से मिलकर इसका कारण जानें और इलाज करवाएं.