Gayatri Mantra: हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा करने के लिए विशेष मंत्र बनाए गए हैं. हिंदू शास्त्रों में मंत्रों का जाप करना सर्वोपरि माना गया है. मंत्र का जाप करने से देवी-देवता शीघ्र प्रसन्न होते हैं. सभी मंत्रों में से गायत्री मंत्रों को श्रेष्ठ माना गया है.
आपको जानकार हैरानी होगी कि, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ही गायत्री मंत्र का उच्चार किया जाता है. इस मंत्र का जाप करने से भक्तों के जीवन के समस्त पापों का विनाश होता है. इस मंत्र के निरंतर जाप करने से आपको निहित शक्तियों का आभास होने लगता है.
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस मंत्र को उच्च दर्जा प्राप्त है और केवल पुरुष ही गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं. शास्त्रों के मुताबिक, जनेऊ धारण करने वाले लोगों को गायत्री मंत्र का जाप निश्चित तौर पर करना ही चाहिए.
गायत्री मंत्र का जाप महिलाओं के लिए अशुभ
गायत्री मंत्र के बारे में कहा जाता है कि, इस मंत्र को स्त्रियों को जाप नहीं करना चाहिए. शास्त्रों में स्त्रियों के लिए गायत्री मंत्र का जाप अच्छा नहीं माना जाता है. ये मान्यता कई सालों से चली आ रही है.
प्राचीन समय में स्त्रियां भी जनेऊ पहनती थीं और पुरुषों की ही तरह धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेती थीं, लेकिन समय परिवर्तन के साथ मान्यताओं में भी बदलाव आ गए.
दरअसल महिलाओं के लिए गायत्री मंत्र का जाप वर्जित माना गया है, इसका कारण है महिलाओं को होने वाला मासिक धर्म, जिसके वजह से उन्हें धार्मिक अनुष्ठानों और कार्यों से दूर रखा जाता है. इसके साथ ही उन्हें गायत्री मंत्र जाप करने की भी सलाह नहीं दी जाती है?
गायत्री मंत्र के जाप से क्या होता है?
मान्यताओं के मुताबिक, गायत्री मंत्र का जाप करने से स्त्रियां पुरुषों की ही तरह व्यवहार करने लगती हैं और इस मंत्र के कारण उनके शारीरिक अंगों और त्वचा पर भी प्रभाव पड़ने लगता है. फेस पर अनचहे बाल और मासिक धर्म में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
आपको बता दें कि, यह धार्मिक मान्यताएं प्रमाणित नहीं हैं. यह केवल सुनी-सुनाई बातों पर आधारित है, जिसकी सच्चाई का कोई प्रमाण नहीं हैं. हिंदू धर्म में महिलाओं के पूजा करने और मंत्र जाप करने को लेकर कई तरह की मिथक फैले हुए हैं.
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