Winter Solstice 2020: हिंदू धर्म में सूर्य के राशि परिवर्तन से होने वाली संक्रांति का विशेष महत्व माना गया है. दिन का छोटा- बड़ा होना सूर्य पर काफी हद तक निर्भर करता है. आज 21 दिसंबर है. इस दिन को साल का सबसे छोटा दिन कहा जा रहा है. ये कैसे होता है? इसका उत्तर ये है कि पृथ्वी अपने एक्सिस पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है.


पृथ्वी जब अपनी धुरी पर चक्कर लगाती है तो किसी एक जगह पर पड़ने वाली सूर्य की किरणें दिन के अंतराल को प्रभावित करती हैं जिस कारण दिन छोटा और बड़ा होता है. इसी कारण पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध वाले देशों में आज के दिन साल का सबसे छोटा दिन है. वहीं दक्षिणी गोलार्ध वाले देशों में आज साल का सबसे बड़ा दिन होगा. इस दिन एक और विशेष घटना हो रही है, शनि और गुरु इस दिन बेहद नजदीक आ रहे हैं. ये संयोग 400 साल बाद बन रहा है. इस अद्भूत नजारे को नंगी आखें से भी देख सकेंगे, 21 दिसंबर सोमवार को सौरमंडल में घटित होने वाली यह एक प्रमुख  खगोलीय घटना है.


दिल्ली पर इसका असर
इस खगोलीय घटना के कारण दिल्ली में आज सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर सूरज निकला था और शाम 5 बजकर 29 पर सूर्यास्त हुआ. इस दिन 10 घंटे 20 मिनट का दिन रहा.


विंटर सॉल्सटिस में ये नहीं बदलता है
विंटर सॉल्सटिस में दिन तो बदल सकता है लेकिन महीना नहीं बदलता है. ऐसा इसलिए भी होता है कि वर्ष और लीप ईयर से एडजस्टमेंट के कारण विंटर सॉल्सटिस 20, 21, 22 या 23 दिसंबर में से किसी भी एक दिन पड़ता है. ऐसा माना जाता कि विंटर सॉल्सटिस से ठंड में बढ़ोत्तरी होना आरंभ हो जाता है.


सूर्य की रफ्तार का संबंध
हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा माना जाता है कि सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास लग जाते हैं. खरमास में कोई भी मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. पौराणिक मान्या के अनुसार खरमास आरंभ होते ही सूर्य की रफ्तार कम हो जाती है, यानि सूर्य की रोशनी कम होने लगती है जिस कारण सर्दी बढ़ने लगती है. जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास का समापन होता है. इसके बाद सूर्य पुन: अपनी गति को हासिल कर लेते हैं. मकर संक्रांति 14 जनवरी को है.


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