Hanuman ji called Bajrangbali: हनुमान जी सात चिरंजीवियों में से एक माने जाते हैं. कहते हैं जहां राम नाम का जाप और हनुमान जी की भक्ति होती है वहां वह स्वंय किसी रूप में प्रकट होते हैं. भगवान हनुमान की महिमा अनंत है. अष्ट सिद्धियों के स्वामी, भगवान हनुमान अत्यंत शक्तिशाली होने के साथ-साथ अपने भक्तों पर अत्यंत करुणामय भी हैं.

12 अप्रैल 2025 को हनुमान जन्मोत्सव है. हनुमान जी को कई नामों से पुकारा और पूजा जाता है. उन्हें, बजरंगबली (Bajrangbali), संकटमोचन, हनुमान जी, अंजनी सुत और वायु पुत्र जैसे अन्य कई नामों से जाना जाता है, लेकिन आज हम आपको बताएंगे हनुमान जी को बजरंगबली बोलने की पीछे का रहस्य.

हनुमान जी को क्यों कहा गया 'बजरंग बली'

'बजरंग' नाम का अर्थ होता है वज्र, वज्र इतनी शक्ति से युक्त होता है कि यह हीरे को भी वैसे ही काट सकता है जैसे चाकू किसी नरम फल को काटता है. जो उनकी अजेय प्रकृति और किसी भी बाधा को भेदने की क्षमता का प्रतीक है.

‘वज्र’ + ‘अंग’ का अर्थ होता है — वज्र से बना शरीर, अर्थात् ऐसा शरीर जो अभेद्य हो.  हनुमान जी का शरीर वज्र के समान मजबूत था, जिससे किसी भी प्रकार के अस्त्र, चाहे वह दिव्य हो या सांसारिक, उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ सके.

'बली' शब्द उनके अत्यधिक शारीरिक बल और भारी वस्तुओं को उठाने की शक्ति को दर्शाता है.

भक्ति से होते जल्द प्रसन्न

मुश्किल और कठिन समय में देवताओं तक पहुंचना कठिन हो सकता है लेकिन हनुमान जी ऐसे देवता हैं जो भक्त सच्चे मन से उन्हें पुकारते हैं वह उनकी परेशानी दूर करने दौड़े चले आते हैं. मान्यता है कि उनका नाम लेने मात्र से डर भाग जाता है, मन स्थिर होता है और संकट भी टल जाता है.

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