Sawan 2021 : सावन में यूं तो सोमवार की पूजा का विशेष महत्व है, लेकिन हर माह पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि भी सावन महीने में अत्यधिक फलदायी है. इस दिन भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना का महत्व है. इससे महादेव और माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है, जिससे कुंवारों को मनचाहा जीवनसाथी मिलने के साथ विवाहितों के जीवन से दुख दूर हो जाते हैं.

25 जुलाई से शुरू हो चुके सावन के पूरे माह में हर दिन शिव पूजा पावन मानी गई है, लेकिन सावन के सोमवार, मंगलवार, प्रदोष, श्रावणी पूर्णिमा और मासिक शिवरात्रि आदि पर भी पूजन का विशेष महत्व है. मान्यता है कि जो लोग सावन में सोमवार का व्रत नहीं रख सके, वो सावन की मासिक शिवरात्रि पर व्रत पूजन कर उसका पुण्य हासिल कर सकते हैं. शास्त्रों में भी सावन की शिवरात्रि को विशेष महत्व मिला है.

6 अगस्त को पड़ेगी सावन की शिवरात्रिमासिक शिवरात्रि हर माह कृष्ण चतुर्दशी को होती है. इससे एक दिन पहले प्रदोष व्रत रखा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस सावन मास की चतुर्दशी तिथि 06 अगस्त दिन शुक्रवार को पड़ेगी. चतुर्दशी तिथि 06 अगस्त की शाम 06 बजकर 28 मिनट से 07 अगस्त शनिवार शाम 07 बजकर 11 मिनट तक रहेगी. हालांकि शिवरात्रि व्रत 6 अगस्त को रखा जाना है.

पूजा का मुहूर्तशास्त्रों के अनुसार शिवरात्रि को निशिता काल पूजन श्रेष्ठ है. निशिता काल 43 मिनट का है, जो 6 अगस्त की रात 12:06 बजे से रात 12: 48 बजे तक रहेगा. निशिता काल में पूजा नहीं कर पाए लोग इन मुहूर्त में भी पूजा कर सकते हैंशाम 07:08 बजे से रात 09:48 बजे तकरात 09:48 बजे से देर रात 12:27 बजे तकदेर रात 12:27 बजे से तड़के 03:06 बजे तक07 अगस्त को सुबह 03:06 से 05:46 बजे तक

7 को व्रत पारणशिवरात्रि व्रत का पारण उसी दिन नहीं होता है. यह व्रत के अगले दिन विधि विधान से होता है. छह अगस्त को मासिक शिवरात्रि व्रत के व्रत पारण सात अगस्त को होगा. 7 अगस्त की सुबह 05:46 बजे से दोपहर 03:47 बजे तक के बीच कभी भी पारण कर सकते हैं. स्नान के बाद व्रत पारण करें और सामर्थ्य अनुसार दान दें.

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