White Owl in Kashi Vishwanath: काशी विश्वनाथ का मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है. यह उत्तर प्रदेश के वाराणशी शहर में स्थित है. काशी विश्वनाथ का मंदिर गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित है. भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर से एक खास और दुर्लभ तस्वीर सामने आई है.
दरअसल बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर काशी विश्वनाथ का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है. इस वायरल वीडियो में एक सफेद उल्लू मंदिर के स्वर्ण शिखर पर बैठा दिखाई दे रहा है.
मंदिर ट्रस्ट ने सफेद उल्लू की वीडियो की साझासफेद उल्लू की ये तस्वीरें श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कारीकार अधिकारी (CEO) विश्व भूषण मिश्र ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम हैंडल पर अपलोड की है. सोशल मीडिया पर लोग इसे शुभ संकेत बता रहे हैं.
क्या सच में सफेद उल्लू का दिखना शुभ होता है? आध्यात्मिक नजरिए से जानते हैं इसके पीछे का कारण.
आध्यात्मिक और शास्त्रीय संदर्भ क्या कहता है?
पौराणिक मान्यता के मुताबिक सफेद उल्लू लक्ष्मी जी का वाहन होता है. ऐसे में काशी विश्वनाथ मंदिर के स्वर्ण शिखर पर सफेद उल्लू का दिखाई देना ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक शुभ संकेत होता है, जो समृद्धि, खुशहाली और शांति का प्रतीक है.
मंदिर जैसे पवित्र स्थलों पर उल्लू का दिखाई देना शुभ माना जाता है. आध्यात्मिक नजरिए से ये संकेत इस बात की ओर इशारा करता है कि आने वाले समय में कोई शुभ घटना घटेगी.
श्रद्धालुओं की आस्था के साथ भावनात्मक जुड़ावकाशी विश्वनाथ के स्वर्ण शिखर पर बैठे सफेद उल्लू की वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है. श्रद्धालु इस घटना को भावनात्मक भाव और देवी-देवताओं की कृपा से जोड़कर देख रहे हैं. मंदिर के ट्रस्ट ने इसे शुभता का प्रतीक बताया है.
| सफेद उल्लू का धार्मिक महत्व |
| उल्लू को धन, बुद्धि और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. वास्तुशास्त्र के मुताबिक घर में उल्लू की मूर्ति लगाने से सकारात्मक ऊर्जा, आर्थिक समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है. |
| प्राचीन वेदों जैसे ऋग्वेद और अथर्ववेद में उल्लू को दुर्भाग्य लाने वाला पक्षी माना गया है. उल्लू को दुख, विपत्ति और मृत्यु का संदेशवाहक माना जाता था. |
| कई धर्मशास्त्रों में उल्लू के दिखाई देने को शुभ और अशुभ दोनों घटना के रूप में देखा जाता है. उदाहरण के लिए अग्नि पुराण में उल्लू की आवाज में विशेष मंत्रों का उच्चारण करने से बुरे प्रभाव दूर होते हैं. |
| धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं के मुताबिक उल्लू को ज्ञान, रहस्य और तीसरे नेत्र का प्रतीक माना जाता है. |
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