Surya Dev Puja Vidhi: रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है. इसी दिन भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है. यह विशेष फलदायी होती है. हिन्दू धर्म में रविवार को श्रेष्ठ वार भी कहा गया है क्योंकि सूर्य जीवन, ऊर्जा और आत्मबल के कारक हैं.
माना जाता है कि इस दिन सूर्य की आराधना करने से मन में स्थिरता आती है. मान सम्माान में बढ़ोतरी होती है और नकारात्मक शक्तियां आपसे दूर रहती है. अगर 51 या 21 रविवार का व्रत लगातार किया जाए तो आपको मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.
रविवार व्रत के 5 बड़े लाभ
- रविवार का व्रत करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और शरीर में तेज तथा ऊर्जा का संचार होता है.
- श्रद्धा और नियम से व्रत तथा कथा करने पर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
- इस व्रत के प्रभाव से मान-सम्मान, यश और धन में वृद्धि होती है.
- जीवन में सुख-समृद्धि आती है और शत्रुओं से रक्षा मिलती है.
- सूर्य को अर्घ्य देने से रोगों से मुक्ति मिलती है और जीवन संतुलित रहता है.
सूर्य देव की पूजा की विधि
रविवार की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. सूर्य भगवान को लाल रंग पसंद होता है. इसलिए इस दिन स्वच्छ लाल वस्त्र धारण कर पूजा की तैयारी करनी चाहिए. इसके बाद पूजा स्थान पर सूर्य देव का चित्र या मूर्ति स्थापित करें.
तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, अक्षत और लाल चंदन लेकर श्रद्धा से सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. अर्घ्य देते समय "ॐ घृणि सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करने से विशेष फल मिलता है. पूजा के अंत में सूर्य देव की आरती कर व्रत कथा का श्रवण करना शुभ माना जाता है.
व्रत रखने की सही विधि
रविवार का व्रत 12, 30 या एक वर्ष तक किया जा सकता है. इस दिन एक समय सात्विक भोजन करने का नियम है. भोजन में दूध, दही, घी, गुड़ और दलिया का सेवन शुभ माना जाता है. व्रती को नमक का प्रयोग पूरे दिन नहीं करना चाहिए, विशेषकर सूर्यास्त के बाद नमक खाने से बचना चाहिए.
कई लोग इस दिन चावल में दूध और गुड़ मिलाकर भोजन करते हैं जिससे सूर्य के दोष दूर होते हैं. इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है.
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