Siddhivinayak Temple: सिद्धिविनायक मंदिर भारत के प्रसिद्ध गणेश मंदिरों में से एक है. मुंबई में स्थित इस मंदिर के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं.


गणेश जी का मंदिर सिद्धिविनायक हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है. मान्यता है कि सिद्धिविनायक की महिमा अपंरपार है. इस दिन में लोगों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.


हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि गणेश जी की मूर्ति की सूंड बाईं तरफ़ झुकी होनी चाहिए. लेकिन जिस मंदिर में गणेश जी की सूंड दाईं तरफ मुड़ी होती है, वे सिद्घपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्घिविनायक मंदिर कहलाते हैं.


सिद्धिविनायक मंदिर में गणेश जी का स्वरूप


सिद्धिविनायक मंदिर की विशेषता यह है कि वह चतुर्भुजी विग्रह है. इस मंदिर में गणेश जी के ऊपरी दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है और नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में मोदक (लड्डुओं) भरा कटोरा है. गणेश जी पास उनकी पत्नियां ऋद्धि और सिद्धि हैं.गणेश जी के मस्तक पर अपने पिता शिव के समान एक तीसरा नेत्र और गले में एक सर्प हार के स्थान पर लिपटा है.




सिद्धिविनायक मंदिर के दर्शन करने के लिए केवल हिंदू धर्म के लोग ही नहीं बल्कि हर धर्म के लोग यहां पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं और बप्पा के सामने हाजिरी लगाते हैं. फिर चाहे वो सदी के महानायक अमिताभ बच्चन हो या अंबानी परिवार. 




हर कोई शुभ काम की शुरूआत से पहले बप्पा के दरबार में आकर माथा जरुर टेकता है.गणपति बप्पा के दर्शन करने के लिए लोग देश-विदेश से यहां आते हैं.


गणेश उत्सव के दौरान यहां दर्शन करने वालों का तांता लगा रहता है.


बॉलीवुड के बड़े कलाकार भी अपनी सफलता की कामना लिए अक्सर यहां पर माथा टेकने पहुंचते हैं और मान्यता है बप्पा अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं.


सिद्धिविनायक गणेश जी के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में सच्चे मन से की गई हर प्रार्थना पूरी होती है.


सिद्धिविनायक मंदिर में गणेश जी के दर्शन मात्र से ही विघ्नहर्ता अपने भक्तों के सभी दुख हर लेते हैं.


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