Shardiya Navratri 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, जो शरद, चैत्र, माघ और आषाढ़ के महीने में पड़ती हैं. शरद और चैत्र के महीने में पड़ने वाली नवरात्रि मां दुर्गा के भक्तों के लिए विशेष होती है.
वहीं माघ और आषाढ़ के महीने में पड़ने वाली नवरात्रि तांत्रिकों और अघोरियों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं. इन 9 दिनों में भक्त मां दुर्गा की भक्ति में लीन रहते हैं तथा दिन-रात उनकी उपासना करते हैं.
ज्योतिषाचार्या से जानिए नवरात्रि से जुड़ी अहम जानकारी
श्री लक्ष्मीनारायण एस्ट्रो सॉल्यूशन अजमेर की निदेशिका ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि, शारदीय नवरात्रि पर्व अश्विनी शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाया जाएगा.
इस बार तृतीया तिथि 24 और 25 सितंबर दो दिन होने के कारण नवरात्रि पर्व 10 दिनों तक मनाया जाएगा. नवरात्रि पर्व की तिथि बढ़ना शुभ माना जाता है. आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा 21 सितंबर की अर्ध रात्रि 1.24 बजे से लगेगी, जो कि दूसरे दिन 22 सितंबर की ब्रह्मवेला में प्रतिपदा तिथि तक रहेगी.
शारदीय नवरात्रि की लोक मान्यताएं ज्यादा
अत: इस दिन ही शारदीय नवरात्रि पर्व की शुरूआत होगी. वर्ष में दो बार चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा की जाती है. हालांकि कि गुप्त नवरात्रि भी आती है, लेकिन चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि की लोक मान्यता ज्यादा है.
इस नवरात्रि माता भक्तों को दर्शन देने के लिए हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. शक्ति का स्वरुप माने जाने वाली माता दुर्गा को समर्पित यह 9 दिन बेहद कल्याणकारी होते हैं. इन 9 दिनों में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है और पूरे भारत में भक्ति और उल्लास का माहौल रहता है.
इन 9 दिनों में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि, नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा होती है, जो चंद्रमा का प्रतीक हैं. मां शैलपुत्री की पूजा करने से सभी बुरे प्रभाव और शगुन दूर होते हैं. इस दिन भक्तों को पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए.
द्वितीया तिथि 23 सितंबर कोमां दुर्गा का दूसरा स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी है और नवरात्रि के दूसरे दिन इनकी पूजा का विधान है. मां ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को प्रदर्शित करती हैं और जो भक्त मां ब्रह्मचारिणी की पूजा सच्चे दिल से करता है उसके सभी दुख, दर्द और तकलीफें दूर हो जाती हैं. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय हरे रंग के कपड़े पहनें.
तृतीया तिथि तिथि 24-25 सितंबर कोज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि, नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है, जो शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं. इनकी पूजा करने से शक्ति का संचार होता है तथा हर तरह के भय दूर हो जाते हैं. मां चंद्रघंटा की पूजा में ग्रे रंग का कपड़ा पहनें.
चतुर्थी तिथि 26 सितंबर कोशरद नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा का विधान है जो सूर्य देव को प्रदर्शित करती हैं. चतुर्थी तिथि पर संतरे रंग का कपड़ा पहनना शुभ माना जाता है. मां कुष्मांडा की पूजा करने से भविष्य में आने वाली सभी विपत्तियां दूर होती हैं.
पंचमी तिथि 27 सितंबर कोज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि, बुध ग्रह को नियंत्रित करने वाली माता मां स्कंदमाता की पूजा शरद नवरात्रि के पांचवें दिन होती है. जो भक्त मां स्कंदमाता की पूजा करता है, उसके ऊपर मां की विशेष कृपा बरसती है. पंचमी तिथि पर सफेद रंग का कपड़ा पहना अनुकूल माना जाता है.
षष्ठी तिथि 28 सितंबर कोनवरात्रि की षष्ठी तिथि मां कात्यायनी को समर्पित है. इस दिन लाल कपड़े पहनकर मां कात्यायनी की पूजा करें, जो बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करती हैं. मां कात्यायनी की पूजा करने से हिम्मत और शक्ति में वृद्धि होती है.
सप्तमी तिथि 29 सितंबर कोज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि, इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है जो शनि ग्रह का प्रतीक हैं. मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों में वीरता का संचार होता है. सप्तमी तिथि पर आपको रॉयल ब्लू रंग के कपड़े पहनने चाहिए.
अष्टमी तिथि 30 सितंबर कोअष्टमी तिथि पर महागौरी की पूजा करने का विधान है. इस दिन गुलाबी रंग का कपड़ा पहनना मंगलमय माना जाता है. माता महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं और अपने भक्तों के जीवन से सभी नकारात्मक शक्तियों को दूर करती हैं.
नवमी तिथि 1 अक्टूबर को ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि, मां सिद्धिदात्री राहु ग्रह को प्रदर्शित करते हैं जिनकी पूजा करने से बुद्धिमता और ज्ञान का संचार होता है. नवमी तिथि पर आपको पर्पल रंग का कपड़ा पहनना चाहिए.
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