Sharad Purnima 2021: वैसे तो हिंदू धर्म में हर पूर्णिमा तिथि का महत्व होता है, लेकिन सभी पूर्णिमा तिथि में शरद पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है. पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की तिथि को शरद पूर्णिमा कहते हैं. मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होती हैं. कहा जाता है कि रात में चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्ष होती है.
शरद पूर्णिमा पर्व कब?
चंद्रमा के 16 कलाओं से पूर्ण होने का पर्व शरद पूर्णिमा कल यानी 20 अक्टूबर 2021 को मनाया जाएगा. मतान्तरों के चलते कुछ पंचांग ने शरद पूर्णिमा का व्रत 19 अक्टूबर दिन मंगलवार को मान रहें हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा से आरोग्यदायिनी किरणें बरसती हैं. पंचांग के अनुसार अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि 19 अक्टूबर 2021 दिन मंगलवार को शाम 7.04 बजे शुरू होगी, जो अगले दिन 20 अक्टूबर दिन बुधवार को रात 8.26 बजे तक रहेगी. 19 अक्टूबर को चंद्रोदय शाम 5.14 बजे और 20 अक्टूबर को शाम 5.49 बजे होगा. ज्योतिर्विद का मत है कि 19 अक्टूबर को चंद्रोदय के समय चतुर्दशी तिथि रहेगी. इस वजह से शरद पूर्णिमा का पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाना शास्त्र सम्मत होगा.
शरद पूर्णिमा व्रत कथा (Sharad Purnima 2021 Vrat Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार, एक साहूकार की दो बेटियां थीं. दोनों बेटियां विधि विधान पूर्वक पूर्णिमा का व्रत रखती थीं. एक बार छोटी बेटी ने शरद पूर्णिमा का व्रत छोड़ दिया. जिसके कारण छोटी लड़की के बच्चे जन्म लेते ही मर जाते हैं. इसके कारण वह दुखी रहती है. वहीं एक बार साहूकार की बड़ी बेटी के पुण्य स्पर्श से छोटी बेटी का लड़का जीवित हो गया. कहते हैं कि उसी दिन से यह व्रत विधिपूर्वक मनाया जाने लगा.
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