Saturn Transit in Aquarius 2023: इस साल 2023 में 17 जनवरी को शनि द्वारा कुंभ में गोचर भ्रमण करने और सर्वाधिक समय वक्री रहने के कारण सभी राशियों पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. कुछ राशियों पर शनि की साढे साती शुरू हो जाएगी तो वहीं कुछ को ढैय्या से राहत मिलेगी.


शनि के कुंभ राशि में गोचर से किस राशि के लोगों पर खुशहाल या बदहाल, सुखद-दुखद आदि प्रभाव होगा. बता दें कि प्रत्येक जातक के जीवन में शनि की सक्रियता का प्रत्यक्ष-परोक्ष प्रभाव सर्वविदित है. जानें किस राशि के लोगों का इस साल कैसा भविष्य रहेगा और उसके जीवन पर शनि के प्रभाव की कैसी स्थिति रहेगी. जानते हैं-


ज्योतिष के अनुसार शनि राशि का भाव-स्वभाव


छया सुत, नीलकाय, क्रूर, यमाग्रज शनि, दूसरी ओर इन्हें महर्षि कश्यप द्वारा अभिभावकत्व से सम्पन्न काश्यपेय यज्ञ से भी उत्पत्ति होना माना गया, जिसे ज्योतिर्विदों ने पश्चिम दिशा में निवासित तथा गंगा से हिमालय तक, सौराष्ट्र प्रदेश यानी गुजरात, काठियावाड़ पर स्वामित्व होना जाना गया- वह कब किसे हंसा दे या कब किसे सौ-सौ आंसू रूला दें, किसी को दण्डित करने या किसी का दान, सम्पदा, सुख, मान-प्रतिष्ठा आदि से उपकृत भी कर दें. इसलिए शनि को सर्वाधिक शक्तिशाली ग्रह होना विशेष महत्व रखता है और प्रत्येक साल राशियों के वार्षिक भविष्यफल, साथ ही वार्षिक भविष्य में प्रत्येक राशि पर शनि की दशा-प्रभाव आदि को विशेषत: जानना आवश्यक होता है.


जाने कैसा रहेगा आपकी राशि पर शनि का प्रभाव


मिथुन, तुला, धनु राशि के जातक चिंतित न हों, वैवाहिक जीवन में अधिकतर सुख-शांति, भूमि-भवन-वाहन, व्यवसाय में सफलता, आर्थिक स्थिति में सुधार, शुभकार्य के योग हैं, पर स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें. किसी पर आंख बंद कर विश्वास न करें. धार्मिक कार्यों में अपनी अभिरूचि को बढ़ाएं.


अनावश्यक व्यय पर नियंत्रण रखें. अविवाहित पुत्र-पुत्री को ऐसी स्वतंत्रता न दें, इतने बे-परवाह न हों कि वे पटरी से उतरकर भटक जाएं. इन तीनों राशि वाले जातकों के लिए बड़ी खुशखबरी यह कि तुला और मिथुन राशि वालों पर से शनि की ढैय्या तथा धनु राशि वालें पर से शनि साढ़ेसाती की दशा मंगलवार 17 जनवरी को शनि के कुंभ राशि में गोचर करते ही समाप्त हो जाएगी. सामान्यतः कुछ कठिनाईयों और परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है.


मेष - मेष राशि वालों को मानसिक तनाव रहेगा. इस राशि में चापुल योग होने से कई कार्यों में उलझने, स्वास्थ्य में गड़बड़ी, पारिवारिक तालमेल के योग हैं. मंगलवार 17 जनवरी के बाद शनि लाभ स्थान में आकर धन प्राप्ति के अनुकूल मार्ग प्रशस्त करेंगे. शनि एकादश स्थान में रहकर लाभ कारक होंगे, आय के स्रोतों में भी वृद्धि होगी.


वृषभ- साल के शुरुआत में शनि नवम स्थान पर स्वग्रही हैं लेकिन मंगलवार 17 जनवरी से दशम स्थान में आकर आपके लिए नए कार्य की रूप-रेखा बनाने, इस ओर उद्यत करने में सहायक रहेंगे. व्यापार के बारे में गंभीरता से सोच-समझकर निर्णय लेना होगा तभी कार्य विस्तार संभव है. शनिवार 17 जून से शनिवार 4 नवंबर के बीच शनि के वक्रत्व काल में कुछ परेशानियां होगी और रूकावटें भी आ सकती हैं. पारिवारिक समस्याएं बाधा खड़ी कर सकती है. सरकारी कर्मियों, अर्धसैनिक बल, पुलिस, सुरक्षाकर्मियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. स्वजनों से वाद-विवाद के भी योग हैं.


कर्क- इस साल मंगलवार 17 जनवरी से शनि की ढैय्या का प्रभाव आरंभ होगा, यह अवरोध, अशांति कारक रहेगा. अष्टम भाव में शनि का भ्रमण स्वजनों, मित्रों, पारिवारिक सदस्यों के बीच कलह करा सकता है. अशुभ चिंतक कामकाज में गतिरोध पैदा कर परेशान कर सकते हैं. मानसिक अशांति पड़ोसियों से विवाद तथा भूमि-भवन विवाद के कारण मानसिक उद्वैग बढ़ सकता है. स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह न बनें. किसी से भी वैमनस्यता न करें. विवादों में उलझने से बचें और वाणी पर नियंत्रण रखें.


सिंह- इस राशि पर शनि छठे भाव में सक्रिय रहेंगे. सामाजिक धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी. आर्थिक मामलों में सफलता और लाभ के योग हैं. पति-पत्नि के बीच अधिकांशतः सुख-शांति, सहयोग पर महत्वपूर्ण कार्यों में संघर्ष परेशानी संभव है. आकस्मिक अनावश्यक खर्चों से बचें. बचत बैलेंस पर अधिक ध्यान दें. किसी के बहकावे में न आएं. यह भी संभव है कि किसी काम में अथक परिश्रम के बावजूद असफलता मिलेगा, निराश न हों. पुराने कष्ट, पुराने रोग से मुक्ति भी मिल सकती है. सरकारी कार्य करते पदोन्नति के योग भी हैं.


कन्या- मंगलवार 17 जनवरी से शनि इस राशि से छठे स्थान पर हैं और इस साल महिलाएं संयम, धैर्य से काम लें. उग्रता व क्रोध से बचें. प्रचलित कार्यों में बाधा संभव है लेकिन आर्थिक क्षेत्र में किये जाने वाले प्रयासों में सफलता मिलने के योग हैं. मकान, वाहन, खरीद-बिक्री का योग भी है. शनिवार 17 जून से शनिवार 4 नवंबर के बीच शनि के वक्री काल में परेशानियां और अशांति रहेगी. सगे-सम्बंधियों से अनबन, अनहोनी होने की आशंका है. राजकीय कार्य में सावधानी बरतें. पैसा आएगा तो जाएगा भी.


वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले सावधान हो जाएं, क्योंकि मंगलवार 17 जनवरी के बाद इस राशि से चौथे स्थान पर शनि की ढैय्या आरंभ हो रही है. यह पूरा साल आपके लिए चुनौतियों भरा है और अधिक संघर्ष करना पड़ सकता है. यहां तक कि बनते कार्य भी किसी बाधा से बिगड़ सकते हैं. वैवाहिक जीवन में भी उतार-चढ़ाव होना सम्भव है. कलह, विवाद, टकराव, कहासुनी से बचें. सन्तान के प्रति चिंता होना भी संभव है. किसी गलतफहमी में न पड़ें. व्यापार में प्रतिस्पर्धा, सरकारी नौकरी में कठिनता हो सकती है, अधिक विश्वास में धोखा मिल सकता है. वाहन से दुर्घटना होना संभव है. इसलिए वाहन चलाते समय बिल्कुल भी लापरवाह न हों.


मकर- इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव अंतिम चरण में है. यह प्रभाव उग्र रहेगा. इस वर्ष का पूर्वार्ध कठिन है. इस राशि के अधिपति शनि हैं. विरोधाभाषी स्थितियां परेशानी खड़ी कर सकती हैं. वाहन आदि से चोट-फेंट का योग है. अकारण वाद-विवाद हो सकते हैं. जमीन-जायदाद को विक्रय में नुकसान होने की संभावना से बचें. परिवार में अलगाव, तू-तू मैं-मैं तनाव बढ़ा सकती है तो उपलब्धि भी होना संभव है. शनि के वक्री काल का समय संकटपूर्ण है. इसलिए झगड़े-लफड़े से दूर रहें. कोई आरोप कोई आक्षेप लग सकता है. नौकरी-पेशा में अधिक सावधान रहें. मंगलवार 17 जनवरी से शनि कुम्भ राशि में चले जाएंगे.


कुंभ- कुंभ राशि वाले सतर्क हो जाईये और हर तरह से सावधानी बरतिये. मंगलवार 17 जनवरी से शनि इस पूरे वर्ष आगे के लिए भी शनि इस राशि में ही गोचर करेंगे. हालांकि इस समय मार्केटिंग से जुड़े लोगों, नेटवर्क बढ़ाने का अवसर मिलेगा. आर्थिक क्षेत्र में किये कार्यों में सफलता मिलेगी. संभव तो यह भी कि अकस्मात कहीं से लाभ भी हो. पति-पत्नि के बीच तालमेल में वृद्धि होने के योग भी हैं. इस सबके बावजूद स्वास्थ्य सम्बंधी परेशानियों के योग भी हैं. जोड़ों में, पेट में होता दर्द कष्ट दे सकता है. प्रॉपटी डीलरों के सामने कुछ कठिनाईयां रहेंगी. कर्ज के लेन-देन के प्रति सावधान रहना ठीक होगा. वहीं रत्नाभूषण व्यवसायियों के काम में सुधान होगा.


मीन- यह राशि शनि साढ़ेसाती दशा से प्रभावित रहेगी. ऐसा नहीं लगा कि इस राशि वाले शारीरिक, मानसिक रूप से अधिक उत्साहित होकर भी वांछित सफलता हासिल कर लें. परिवार के साथ हंसी-खुशी रह पायें. कुछ न कुछ बाधाएं, कष्ट परेशानियां आ सकती है. आपके व्यावहारिक निर्णय दुविधापूर्ण रहने के भी योग हैं. घर-परिजनों में विरोध बढ़ सकता है. शारीरिक अस्वस्थता, मानसिक व्यग्रता का अनुभव अच्छा नहीं हो पाएगा. कार्यक्षेत्र में उतार चढ़ाव के योग हैं. रक्त से संबंधित बीमारी से कष्ट हो सकता है. चोरी, ठगी, लूट, अपराध की संदेहास्पद स्थिति से बचें. कारोबार में गिरावट से दिमागी सन्तुलन पर विपरीत प्रभाव पड़ना संभव है.


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