Saphala Ekadashi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस साल 15 दिसंबर 2025 को सफला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु की आराधना करने पर सभी कार्यों में सफलता हासिल होती हैं.
इस एकादशी के नाम पढ़ते ही समझ आ जाता है कि ये व्रत बाधाओं को दूर कर, जीवन में सफल होने की कामना के लिए किया जाता है. इस तिथि पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है और दिनभर विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत भी रखा जाता है.
शास्त्रों में बताया है खास महत्व
श्री लक्ष्मीनारायण एस्ट्रो सॉल्यूशन अजमेर की निदेशिका ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि सफला एकादशी का व्रत करने से सभी शुभ कार्यों में सिद्धि का आशीर्वाद मिलता है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता भी प्राप्त होती है.
सफला एकादशी पौष मास की एकादशी है और शास्त्रों में इस दिन पवित्र नदी में स्नान के साथ भगवान विष्णु की पूजा का भी खास महत्व बताया गया है.
भगवान श्रीकृष्ण ने बताया व्रत के बारे में
पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी घर-परिवार की और कार्यों में आ रही परेशानियों को दूर करने वाला व्रत है. स्कंद पुराण के वैष्णव खंड में एकादशी महात्म्य नाम के अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों के बड़े भाई युधिष्ठिर को एकादशियों के व्रत के बारे में बताया है.
एकादशी पर विष्णु जी के साथ ही उनके अवतारों की भी पूजा करनी चाहिए, खासतौर पर श्रीराम और श्रीकृष्ण की पूजा जरूर करें. श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल को भी तुलसी के साथ माखन-मिश्री का भोग लगाएं और कृष्णाय नम: मंत्र का जप करें.
पूजा में करें शालिग्राम जी की प्रतिमा शामिल
ज्योतिषाचार्या नीतिका शर्मा ने बताया कि श्रीराम दरबार की पूजा करें. राम दरबार में श्रीराम के साथ देवी सीता, लक्ष्मण, हनुमान शामिल होते हैं. इन सभी की पूजा करने से घर-परिवार में सुख-शांति और प्रेम बना रहता है. कार्यों में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं और लक्ष्य पूरे होते हैं.
ऐसी मान्यता है कि सफला एकादशी की शाम घर के आंगन में तुलसी के पास दीपक जलाएं और परिक्रमा करें, फिर सूर्यास्त के बाद तुलसी के पौधे को स्पर्श ना करें. पूजा में शालिग्राम जी की प्रतिमा भी रखनी चाहिए.
जिसके बाद तुलसी और शालिग्राम जी को हार-फूल, वस्त्र आदि पूजन सामग्री अर्पित करें और फलों का भोग लगाएं. तुलसी के सामने बैठकर विष्णु जी के मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जप भी करें.
सफला एकादशी
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि पंचाग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर को रात 08:46 मिनट पर हो रही है. वहीं, इस तिथि का समापन 15 दिसंबर को रात 10:09 मिनट पर हो रहा है. ऐसे में 15 दिसंबर को सफला एकादशी व्रत किया जाएगा.
ऐसे कर सकते हैं व्रत
सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद घर के मंदिर में गणेश पूजा करें. गणेश पूजन के बाद भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करें. भगवान के सामने व्रत करने का संकल्प लें. एकादशी व्रत करने वाले भक्तों को दिनभर अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए.
जो लोग भूखे नहीं रह पाते हैं, वे फलाहार कर सकते हैं. फलाहार में फलों के रस का सेवन करें या दूध पी सकते हैं. इस दिन सुबह-शाम विष्णु जी की पूजा करें, दिनभर विष्णु के मंत्र जपें और विष्णु जी कथाएं पढ़ें-सुनें.
अगले दिन या द्वादशी पर सुबह फिर से विष्णु पूजन करें. पूजा के बाद जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और फिर खुद भोजन करें. इस तरह एकादशी का व्रत पूरा होता है.
सफला एकादशी का महत्व
सफला एकादशी के शुभ अवसर पर घर में तुलसी का पौधा लगाने का विशेष महत्व होता है. इस दिन घर के उत्तर या पूर्व या फिर उत्तर-पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से आपकी धन समृद्धि में वृद्धि होती है.
सफला एकादशी पर यदि आप व्रत नहीं कर सकते तो भी विधि-विधान के साथ पूजा करने के बाद आप भोजन ग्रहण कर सकते हैं. ऐसा करने से भी भगवान विष्णु की कृपा आपको प्राप्त होती है. सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाना चाहिए और उसमें तुलसी का पत्ता भी जरूर डालें.
इन बातों का भी रखें ध्यान
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि पुराणों में बताया गया है कि सफला एकादशी का व्रत जो भक्त पूर्ण विधि विधान से रखते हैं उन पर भगवान नारायण की कृपा बनी रहती है. एकादशी के व्रत वाले दिन आप फलाहार में खाने की चीजें ना ग्रहण करें और इस दिन अन्न बिल्कुल भी न खाएं.
इस दिन आप भगवान हरि के निमित्त उनके विष्णु सहस्रनाम का पाठ कर सकते हैं. संध्या काल के समय जब सूर्यास्त हो जाए उसके बाद आप तुलसी जी के पास गाय के घी का दीपदान कर सकते हैं. इस दिन चावल बिल्कुल भी न खाएं ऐसा करने से आप घोर पाप के भागी बनेंगे.
इसी के साथ सफला एकादशी की व्रत कथा इस दिन अवश्य सुनें तभी आपका व्रत पूर्ण माना जाएगा. शास्त्रों में व्रत वाले दिन रात्रि जागरण कर भगवान विष्णु के नाम का जप करने का विधान बताया गया है.
सफला एकादशी का व्रत जो लोग नियम पूर्वक रखते हैं उनके जीवन में सभी मनोरथ श्री नारायण पूर्ण करते हैं और व्रत रखने वालों को जीवन में अपार सफलता मिलती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.