Saphala Ekadashi 2022 Vrat Importance:  वैसे तो हर माह दो एकादशी तिथि (कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष) पड़ती है. इस प्रकार पूरे साल में कुल 24 एकादशी और अधिकमास पड़ने पर 26 एकादशी तिथियां पड़ती हैं. सभी एकादशी व्रत और पूजन भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित होते हैं. लेकिन सभी एकादशी व्रतों में सफला एकादशी को महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि जो व्यक्ति सफला एकादशी का व्रत कर भगवान विष्णु की पूजा-अराधना करते हैं उन्हें हर कार्य और हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है.


सफल होने के लिए लोग खूब मेहनत करते हैं और पूजा पाठ भी करते हैं. क्योंकि कभी-कभी मेहनत करने के बावजूद ईश्वर की कृपा के बगैर कार्य अधूरे रह जाते हैं और सफल नहीं हो जाते. आप नौकरी-पेशा से जुड़े हों या फिर पढ़ाई कर रहे हों या अच्छी नौकरी के लिए इंटरव्यू क्लियर करना हो.


सभी क्षेत्र में आप भगवान विष्णु के सफला एकादशी व्रत से सफल हो सकते हैं. ऐसे में इस व्रत के प्रभाव से आपको हर क्षेत्र में सफलता हासिल हो सकती है. जानते हैं सफला एकादशी व्रत के महत्व के बारे में.


सफला एकादशी व्रत तिथि व मुहूर्त


पंचांग के अनुसार सफला एकादशी व्रत पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि यानी सोमवार 19 दिसंबर 2022 को रखा जाएगा. एकादशी तिथि सुबह 03:33 पर प्रारंभ होगी और एकादशी तिथि की समाप्ति मंगलवार 20 दिसंबर 2022 को रात्रि 2:33 पर समाप्त हो जाएगी. व्रत का पारण मंगलवार सुबह 09 बजे तक किया जा सकेगा.


सफला एकादशी व्रत से मिलेंगे ये लाभ



  • सफला का अर्थ होता है सफलता. सफला एकादशी के व्रत और पूजन से हर कार्य में उन्नति और सफलता मिलती है.

  • जो व्यक्ति विधि-विधान से इस व्रत को करता है, उसे निरोग जीवन और लंबी आयु की प्राप्ति होती है.

  • मान्यता है कि मात्र सफला एकादशी व्रत के प्रभाव से अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है,

  • सफला एकादशी व्रत से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और हर कार्य में सफलता मिलती है.

  • सफला एकादशी व्रत से न सिर्फ भगवान विष्णु बल्कि माता लक्ष्मी जी की भी कृपा मिलती है.


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