Swami Ram Bhadracharya: स्वामी रामभद्राचार्य जी भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रख्यात आध्यात्मिक आचार्य हैं. अपने गहन साधना, विद्वता और उपदेशों के माध्यम से उन्होंने जीवन में धर्म, भक्ति और ज्ञान का प्रकाश फैलाया है.

Continues below advertisement

दृष्टिहीन होने के बावजूद उन्होंने जिस तरह ज्ञान, भक्ति और सेवा के माध्यम से समाज को दिशा दी है, वह हर व्यक्ति के लिए जीवन का आदर्श बन गया है.  

भक्ति और साधना से मिलता है आनंद

रामभद्राचार्य जी के उपदेश हमें जीवन में सत्य, भक्ति और साधना का महत्व सिखाते हैं. उनका मानना है कि धर्म वही है जो हमेशा सत्य के मार्ग पर चले. किसी भी परिस्थिति में सत्य से डगमगाना नहीं चाहिए.

Continues below advertisement

भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखें. उनके नाम का नियमित जप करें. यही जीवन की सबसे बड़ी साधना है.

रामभद्राचार्य जी के अनुसार, ‘नीलाम्बुजश्यामलकोमलाङ्गं...’ श्लोक का नियमित जाप करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और इसका पुण्य सौ करोड़ रामायण पाठ के बराबर माना गया है.

जीवन में नैतिक मूल्य जरूरी

रामभद्राचार्य जी के सामाजिक और नैतिक उपदेश हमें जीवन को सही दिशा देते हैं. वे कहते हैं कि हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए. उनके प्रति सहानुभूति और सम्मान का भाव रखना चाहिए. शिष्य को अपने गुरु से कुछ भी नहीं छिपाना चाहिए, क्योंकि गुरु ही उसके सभी संदेह दूर कर सकता है.

जातिवाद को वे समाज के लिए विष मानते हैं और सभी को समान रूप से सम्मान देने की सीख देते हैं. रामभद्राचार्य जी शिक्षा को समाज की प्रगति का आधार मानते हैं. विशेष रूप से वे महिलाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण पर बल देते हैं. 

भक्ति वही जो सेवा से जुड़ी हो

रामभद्राचार्य जी के अनुसार व्यक्तिगत विकास और जीवनशैली का मूल आधार सही संगति, सादगी, कर्मनिष्ठा और करुणा है. वे कहते हैं कि हमें हमेशा ऐसी संगति चुननी चाहिए जो हमें शिक्षा दे और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करे.

रामभद्राचार्य जी कहते हैं कि भक्ति वही सच्ची है जो सेवा से जुड़ी हो। उनका मानना है कि ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग दूसरों की भलाई से होकर गुजरता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.