Puja Path Mantra: सनातन धर्म में प्रकृति की हर चीज में देवी-देवताओं का वास होता है. पेड़-पौधों से लेकर कई अन्य चीजों में भी देवी-देवताओं का संबंध जुड़ा है. प्रकृति जितना हमारे जीवित रहने के लिए जरूरी हैं, उतना ही हमारे ग्रह और नक्षत्रों को कम करने में भी सहायक है. कुछ पेड़-पौधों पर देवताओं का वास होता है. अगर सही समय और सही दिन पर उनकी  पूजा-अर्चना की जाए, तो काफी लाभदायक होता है. आइए जानते हैं किस पेड़ पर कौन से देवता का वास होता है और उनकी पूजा किस दिन करनी चाहिए. 


आंवला, तुलसी और केला


धार्मिक ग्रंथों के अनुसार आंवला, तुलसी और केले के वृक्ष पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का वास होता है. कहते हैं तुलसी जी पर नियमित रूप से घी का दीपक जलाने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं. वहीं, आवंले के पेड़ पर एकादशी के दिन पूजा करने से भगवान विष्णु जी प्रसन्न हो जाते हैं. वहीं, केले के वृक्ष की पूजा बृहस्पतिवार के दिन की जाती है. हर बृहस्पतिवार जल में हल्दी मिलाकर केले के पेड़ पर अर्पित करने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. 


बेल और बरगद का पेड़


बेल और बरगद के पेड़ पर भगवान शिव का वास होता है. मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा में नियमित रूप से बेलपत्र अर्पित करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. वहीं, ऐसा माना जाता है कि बरगद के पेड़ पर हर त्रयोदशी को पूजा करना शुभ माना जाता है. 


शमी का पेड़


शमी का पेड़ पर हर शनिवार सरसों के तेल का दीपक जलाने से घर परिवार की हर प्रकार की मुसीबत टल जाती है. शनिवार को दीपक जलाने से आपको सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.  सारी बुरी शक्तियों का नाश होता है. मान्यता है कि भगवान शिव को अगर शमी का पत्ता रोजाना चढ़ाया जाए, तो भोलेशंकर जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. 


कदंब का पेड़


कहते हैं कि मां लक्ष्मी कदंब के पेड़ पर वास करती हैं. कदंब के पेड़ के नीचे बैठकर यज्ञ करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इतना ही नहीं, परिवार में खुशियों का आगमन होता है. 


दूब घास


धार्मिक दृष्टि से दूब घास का विशेष महत्व है. कहते हैं दूब घास गणपति को प्रिय होती है. हर बुधवार को दूब घास को हल्दी लगाकर गणेश जी को अर्पित करने से किसी भी काम में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं. और शुभ लाभ की प्राप्ति होती है. 


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