Paush Vinayak Chaturthi 2025: गणपति और चतुर्थी का गहरा नाता है, पुराणों के अनुसार भगवान गणेश का जन्म चतुर्थी तिथि के दिन हुआ यही वजह है कि हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर बप्पा की विशेष आराधना की जाती है. कहते हैं जो लोग शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी का व्रत कर पूजन करता है उसे सुख, समृद्धि की कमी नहीं होती और विघ्नों का नाश करता है.
पौष माह में विनायक चतुर्थी 24 दिसंबर 2026 बुधवार को मनाई जाएगी. विपदा से बचने और संतान की खुशहाली के लिए महिलाएं ये व्रत करती हैं.
पौष विनायक चतुर्थी 2025 मुहूर्त
पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 23 दिसंबर को दोपहर 12.12 पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 24 दिसंबर को दोपहर 1.11 बजे होगा. उदयातिथि के अनुसार व्रत 24 दिसंबर को रखा जाएगा.
पूजा मुहूर्त – सुबह 11.19 – दोपहर 1.11
गणेश जी के 12 नाम दूर करते हैं दोष
सुमुखश्च एकदंतश्च कपिलो गजकर्णकः।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो गणाधिपः॥
धूम्रवर्णो भालचंद्रो विनायकः गणेश्वरः।
गजाननः द्वादशैतानि नामानि यः पठेन्नरः॥
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं परम्।
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी के 12 नाम का जाप करना दुख और दोषों से मुक्ति दिलाता है. ये नाम हैं - सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लम्बोदर, विकट, विघ्नराजेन्द्र, धूम्रवर्ण, भालचंद्र, विनायक, गणपति, गजानन. अगर मंत्र जप नहीं कर पा रहे हैं तो गणेश जी के इन 12 नामों का ध्यान करते हुए भी पूजा कर सकते हैं.
पूजा विधि
घर की सफाई के बाद पंचोपचार विधि से गणेश जी की पूजा करें. इसमें पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) का प्रयोग होता है. इनसे भगवान गणेश का अभिषेक करें और उन्हें पुष्प अर्पित करें. कथा और आरती के बाद शाम को भोजन ग्रहण करें.
सामग्री
भगवान गणेश को पीले वस्त्र, दूर्वा, हल्दी, मोदक, लड्डू और अन्य मिठाइयाँ अर्पित करें. मोदक विशेष रूप से भगवान गणेश को प्रिय है, इसलिए इसे अर्पित करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होते हैं.
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