Rakshabandhan : हमारा देश विविधताओं से परिपूर्ण है, हर क्षेत्र, सम्प्रदाय में अलग-अलग रीति-रिवाज और परम्पराएं हैं. ऐसा ही क्षेत्र मध्यप्रदेश का आदिवासी क्षेत्र सैलाना है, जहां राखी एक दिन नहीं, पूरे साढ़े तीन महीने मनाई जाती है. यह रक्षाबंधन के दिन से कार्तिक सुदी चौदस तक चलती है. किसी कारण बहनें भाइयों को रक्षा सूत्र नहीं बांध पाती है, तो वे साढ़े तीन माह में कभी भी रक्षा सूत्र बांध सकती हैं. यहां बहने अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर राखी बांधती हैं. इस दिन घरों में भी पकवान आदि बनते हैं, यहां सुबह से शाम तक राखी मनती है. 

सभी राखी बांधने का समय अलगइस समुदाय में राखी पर यहां सुबह के समय बहनें भाई औैर भतीजों को राखी बांधती हैं. शाम के वक्त दरवाजों पर, खाट, हल और कृषि औजारों के साथ पशुओं को राखी बांधी जाती है. इस त्योहार के लंबे समय तक चलने का कारण इस महीने में सभी बहन-बेटियां मायके आ जाती हैं लेकिन किसी कारण वह राखी पर न जाएं तो बाद में राखी बांध देती है. उन्‍हें कार्तिक सुदी चौदस राखी बांधने की छूट रहती है। 

छत्तीसगढ़ मे भी अनूठी प्रथाछत्तीसगढ़ में भी राखी की अनूठी परम्परा है. राखी यानी भोजली पर्व श्रावण की नवमी तिथि पर टोकरियों में मिट्टी डालकर गेहूं, जौ, मूंग, उड़द आदि के बीज बोते हैं. सप्ताहभर में भोजली बड़ी हो जाती है, सावन पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन तक इसमें 5 से 6 इंच तक पौधे आ जाते हैं. अगले दिन छोटी-छोटी बच्चियां भोजली को लेकर पूरे गांव में घूमने निकलती हैं. अंत में आरती उतारकर नदी में प्रवाहित करते हैं.  

इसी तरह एक और परंपरा के मुताबिक यहां बच्चियां इसदिन अपना आजीवन ख़ास मित्र बनाकर कभी नाम नहीं लेती हैं. इस दिन छोटी बच्चियां सहेलियों के कानों में भोजली की बाली लगाती है. फिर उन्हें उम्र भर की दोस्त बनाती हैं. वे दोस्त को फिर आजीवन गींया कहती हैं. कभी भी सहेलियों को नाम से नहीं पुकारा जाता है.

इन्हें पढ़ेंSafalta Ki Kunji: जॉब, करियर में सफलता चाहिए तो इन बातों को जरूर जान लें

Nag Panchami: नागपंचमी पर 12 नागों की होती है पूजा, घर में आती है समृद्धि