Nirjala Ekadashi 2022: निर्जला एकादशी व्रत हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस बार यह तिथि 10 जून दिन शुक्रवार को है. इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं. क्योंकि इस एकादशी व्रत को महाबली भीम ने भी किया था. ज्येष्ठ के माह में गर्मी अत्यधिक होने के कारण जल की आवश्यकता बढ़ जाती है. हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास में जल दान की महत्ता का वर्णन किया गया है. निर्जला एकादशी में भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस माह में जल के दान से सभी मनोकामना पूरी होती है.



  • निर्जला एकादशी 2022 तिथि और व्रत आरंभ- 10 जून सुबह 07:25 मिनट से शुरू.

  • निर्जला एकादशी तिथि समापन- 11 जून, शाम 05:45 मिनट समापन होगा.

  • निर्जला एकादशी व्रत पारण का समय (Nirjala Ekadashi 2022 Vrat Paran Time) - 11 जून सुबह 5 बजकर 49 मिनट' से 8 बजकर 29 मिनट तक.


निर्जला एकादशी व्रत के फायेदे


निर्जला एकादशी के फायदे के बार में व्यासजी ने बताते हुए भीमसेन से कहा कि यदि तुमसे वर्ष भर की सभी एकादशी नहीं हो सकती है तो तुम केवल एक निर्जला एकादशी व्रत कर लो, इसी से सालभर की सभी एकादशी व्रत करने के समान फल प्राप्त हो जायगा. तब भीम ने वैसा ही किया और स्वर्ग को गये. निर्जला एकादशी व्रत करने से सभी 24 एकादशी व्रतों का पुण्य प्राप्त होता है. कहा जाता है कि निर्जला एकादशी व्रत करने से मृत्यु के बाद स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है. जीवात्मा को ले जाने के लिए पुष्पक विमान आता है. निर्जला एकादशी व्रत पूजन से सभी पाप मिट जाते हैं और मृत्यु के बाद विष्णु लोक की प्राप्ति होती है.  



Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.