Nag Panchami 2020: नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा का विधान हैं. सावन में नाग पूजा का विशेष महत्व है. नाग पूजा से नाग देवता का आर्शीवाद मिलता है और भगवान भोलनाथ भी प्रसन्न होते हैं. नाग देवता भगवान शिव के गले की शोभा हैं. इसलिए जो नागों की पूजा करता है उसे भगवान शिव का आर्शीवाद प्राप्त होता है.

इन आठ नागों की जाती है पूजा नाग पंचमी के दिन आठ नागों की पूजा को शुभ माना गया है. जिन नागों की पूजा की जाती है उनके नाम इस प्रकार हैं- 1-  शेषनाग (अनन्त) 2- वासुकि 3- पद्म 4- महापद्म 5- तक्षक 6- कुलीर 7- कर्कट 8- शंख

काल सर्प दोष से मिलती है मुक्ति नाग पंचमी के दिन इन अष्टनागों की पूजा करने से काल सर्प दोष का प्रभाव कम होता है. काल सर्प दोष को ज्योतिष के सबसे अशुभ योगों में से एक माना गया है. जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष का निर्माण होता है उसे 40 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ता है.

पूजा विधि पूजा से पूर्व प्रमुख आठ नाग अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख बनाएं. इन सभी नागों को मिट्टी से बनाएं. इसके बाद पूजा की चौकी पर इन्हें स्थापित करें. सभी नागों की हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़ाएं. इसके बाद कच्चे दूध, घी और मिष्ठान का भोग लगाएं. पूजा के बाद नाग पंचमी की कथा सुनें.

पूजा का समय नाग पंचमी पूजा मुहूर्त: 05:38:42 से 08:22:11 तक (25) अवधि: 2 घंटे 43 मिनट

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