Safalta Ki Kunji: चाणक्य नीति के अनुसार दांपत्य जीवन में जब कलह और तनाव होता है तो व्यक्ति का जीवन निराशाओं से भर जाता है. उसके भीतर नकारात्मकता आने लगती है और जीवन के आंनद से वंचित हो जाता है. विद्वान भी मानते हैं कि यदि दांपत्य जीवन में तनाव और विश्वास की कमी है तो व्यक्ति कितना ही प्रतिभाशाली क्यों न हो, वो हमेशा परेशान ही रहता है, जिस कारण वो कभी कभी बड़ी सफलताओं से भी वंचित रह जाता है.

दापंत्य जीवन को खुशहाल बनाना बहुत ही जरूरी है. पति और पत्नी का रिश्ता जितना मधुर और विश्वास से भरा होगा, जीवन में उतना ही सरल और सुगम बना रहेगा. जब इस रिश्ते में प्रेम और विश्वास की कमी आने लगती है तो ये रिश्ता बिखरने और टूटने की कगार पर पहुंच जाता है. इसलिए इस रिश्ते का लेकर हमेशा गंभीर और सतर्क रहना चाहिए. पति और पत्नी के रिश्ते का कैसे मजबूत बनाया जा सकता है आइए जानते हैं-

प्रेम का महत्व समझेंपति और पत्नी के रिश्ते की नींव प्रेम पर ही टिकी हुई है. जब प्रेम में कमी आने लगती है तो इस रिश्ते में परेशानी और दिक्कतें आना आरंभ हो जाती है. इस रिश्ते में प्रेम की कभी कमी न आने दें. इसका हमेशा ध्यान रखना चाहिए.

विश्वास में कमी न आनें देंदांपत्य जीवन का आधार विश्वास है. इसे किसी भी स्थिति में कमजोर नहीं होने देना चाहिए. इस आधार को सदैव मजबूत बनाने पर जोर देना चाहिए. जो लोग ऐसा करने में सफल रहते हैं वे जीवन का पूर्ण आनंद और सुख समृद्धि को प्राप्त करते हैं.

विनम्रता को अपनाएंगीता में भगवान श्रीकृष्ण जिन श्रेष्ठ गुणों के बारे में अर्जुन को बताते हैं, उसमें एक विनम्रता भी है. विनम्रता व्यक्ति का श्रेष्ठ गुण है. इसे अपनाना चाहिए. विनम्र व्यक्ति सभी का प्रिय होता है. ऐसे व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा से भरे हुए होते हैं.

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