Masik Shivratri 2020: पंचांग के अनुसार 15 सितंबर 2020 को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व है. आश्विनी मास में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है.


चातुर्मास में शिव पूजा का महत्व
चातुर्मास चल रहे हैं. आश्विनी मास चातुर्मास का तृतीय मास कहलाता है. चातुर्मास में भगवान विष्णु पाताल लोक में विश्राम करने चले जाते हैं और पृथ्वी की बागडोर भगवान शिव को सौंप जाते हैं. मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों को आर्शीवाद प्रदान करते हैं. इसलिए आश्विन मास की शिवरात्रि को विशेष महत्व दिया जाता है.


15 सितंबर को मासिक शिवरात्रि की पूजा जीवन में आने वाल हर बाधा को दूर करती है और जीवन में सुख समृद्धि करती है. मासिक शिवरात्रि पर विधि पूर्वक भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. क्योंकि इस व्रत में व्यक्ति को अपने अवगुणों का त्याग करना होता है. शिव ही सत्य है. इसलिए जो व्यक्ति बुराई, लालच, और गलत कामों से दूर रहता है उसे भगवान शिव का आर्शीवाद प्राप्त होता है.


मासिक शिवरात्रि पूजा समय
चतुर्दशी तिथि का आरंभ 15 सितंबर 2020 को रात्रि 11 बजे से हो रहा है. 16 सितंबर 2020 को चतुर्दशी तिथि का समापन रात्रि 07 बजकर 56 मिनट पर होगा. पूजा का समय 15 सितंबर रात्रि 11 बजकर 54 मिनट से 16 सितंबर को प्रात:12 बजकर 40 तक है.


पूजा की विधि
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश, कार्तिकेय और नंदी की पूजा करें. इस दिन भोलेनाथ का अभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होता है. अभिषेक के दौरान भगवान शिव की प्रिय चीजों का भोग लगाएं और शिव चालीसा और शिव मंत्रों का जाप करें


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