Sadhguru: सद्गुरु बताते हैं कि मन एक अद्भुत शक्ति है. यही मन आनंद भी देता है और यही मन दुख, क्रोध, ईर्ष्या और बेचैनी भी पैदा कर सकता है. समस्या यह नहीं कि मन नकारात्मक भाव क्यों पैदा कर रहा है, समस्या यह है कि हम अपने ही मन को संभाल नहीं पाते हैं.

Continues below advertisement

वे कहते हैं कि दिन भर में जो डर, गुस्सा या जलन हम महसूस करते हैं, वे हमारे बाहर से नहीं आते, बल्कि हमारे भीतर ही पैदा होते हैं. सद्गुरु के अनुसार आपको इन भावों से भागने की आवश्यकता नहीं है.

इन्हें मिटाने की भी जरूरत नहीं है. बस यह समझना होगा कि मन आपके वश में है कि नहीं है. जब व्यक्ति अपने ही मन के बटन गलत दबाता रहता है, तो जीवन एक उथल-पुथल बन जाता है. इसलिए जीवन को जानने का पहला कदम अपने मन की प्रकृति को समझना और उसे दिशा देना है.

Continues below advertisement

मन को बदलना नहीं, उसे समझें

सद्गुरु बताते हैं कि जैसे एक कंप्यूटर में सही बटन दबाने पर सही परिणाम आता है. उसी प्रकार मन भी सही दिशा में चले तो आनंद, शांति, ऊर्जा और सकारात्मकता पैदा कर सकता है.

पर हम मन को ही नहीं समझते और लगातार गलत बटन दबाते रहते हैं. गुस्सा, भय, तनाव ये सब मन की प्रक्रिया का हिस्सा हैं. इन्हें हटाने की कोशिश करने के बजाय हमें सीखना होगा कि कैसे इन्हें मन के अंदर पैदा ही नहीं होन दिया जाए.

सद्गुरु कहते हैं कि आपको अपने भीतर यह क्षमता जगानी होगी कि कब किस भाव को जन्म देता है. यदि आप चाहें, तो यही मन परमानंद पैदा कर सकता है. यदि आप चाहें, तो यही मन शांति का स्रोत बन सकता है. इसके लिए साधना, ध्यान और अपने भीतर जागरूकता की आवश्यकता है.

खुद पर नियंत्रण ही आनंद और सद्गुणों का मार्ग

सद्गुरु समझाते हैं कि जीवन में सही अनुभव उसी समय आते हैं, जब हम अपने शरीर, मन और ऊर्जा की कमान स्वयं संभाल लेते हैं.  यदि हम मन को अज्ञानता में छोड़ दें, तो वह पीड़ा बढ़ाता जाएगा लेकिन यदि हम समझें कि कौन-सा बटन कब दबाना है, तो वही मन आनंद और शांति का महासागर बन सकता है.

सद्गुरु कहते हैं कि जब तक आप भीतर सही कदम नहीं उठाते, जीवन में सही परिणाम नहीं आएँगे. आपके भीतर ही सब कुछ है बस उसे जानने और नियंत्रित करने की आवश्यकता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.