Laddu Gopal Shringar on Janmashtami: देशभर में आज कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है. ये त्योहार हर साल भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है. आज के दिन विधि-विधान से लड्डू गोपाल की सेवा और पूजा की जाती है.
उन्हें सुंदर-सुंदर गहनों और वस्त्रों से सजाया जाता है. इसके साथ ही उन्हें तमाम तरह के भोग भी अर्पण किए जाते हैं.
आज मध्यरात्रि जन्म होने के बाद लड्डू गोपाल को पंचामृत से स्नान कराने के बाद उनका श्रृंगार भी किया जाता है. लड्डू गोपाल का ये श्रृंगार मात्र बाहरी सौंदर्य न होकर, बल्कि भक्ति का प्रतीक है. ऐसे में एक बार फिर से जांच ले लड्डू गोपाल के श्रृंगार में कुछ कमी तो नहीं रह गई.
लड्डू गोपाल के श्रृंगार की वस्तुएंलड्डू गोपाल को पोशाक और सुंदर मुकुट के अलावा कई ओर चीजों से सजाया जाता है. आइए जानते हैं जन्माष्टमी की आधी रात उनका कौन-कौन सी सुंदर चीजों से श्रृंगार करना चाहिए.
लड्डू गोपाल के श्रृंगार में इन वस्तुओं को करें शामिल
- लड्डू गोपाल की पोशाक
- बांसुरी
- मोर का मुकुट
- लड्डू गोपाल के लिए माला
- लड्डू गोपाल का टीका
- कंगन, नूपुर और बाजूबंध
- कुंडल
- पाजेब और कमरबंध
- तुलसी दल
- इसके अलावा चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, इत्र, पुष्पमाला, झूला, चांदी या पीतल का सिंहासन, फूलों से बना मंडम.
- भोग के लिए माखन-मिश्री के साथ पंजीरी, फल और मिठाई.
जन्माष्टमी का महत्व जन्माष्टमी के दिन ही श्रीविष्णु के अवतार कृष्ण ने जन्म लिया था. उनका जन्म अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना के लिए हुआ है. भाद्रपद की अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि उनका जन्म हुआ था.
इस दिन पूजा-अर्चना, उपवास, व्रत, भजन, नाम-कीर्तन और लड्डू गोपाल की सेवा करने से सभी तरह के पाप नष्ट होते हैं. इसके अलावा जीवन में सुख-समृद्धि आती है. कृष्ण जन्माष्टमी के बाद उन्हें झूला झूलाने की भी परंपरा रही है.
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