Kharmas 2021: पंचाग में दिसंबर माह में खरमास का महीना (Kharmas 2021) लगता है. कहते हैं कि इस माह में मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. किसी भी मांगलिक कार्य लिए इन दिनों को शुभ नहीं माना जाता. खरमास हमेशा मार्गशीर्ष माह और पौष माह के बीच में शुरू होता है. मान्यता है कि खरमास के दिनों में सूर्य कमजोर हो जाता है और उन्हें मलीन माना जाता है. इस कारण सूर्य भी उग्र स्वभाव में आ जाता है. और इसी कारण मांगलिक कार्यों पर इस दौरान रोक लग जाती है. 


इस बार खरमास का महीना 16 दिसंबर यानी की आज से शुरू हो रहा है.  और ये 14 जनवरी तक चलेगा. पूजा-पाठ के लिहाज से ये माह अच्छा माना जाता है. इस माह में भगवान विष्णु, श्री कृष्ण और सूर्यदेव की पूजा की जाती है. साथ ही, इन दिनों में दान, पुण्य का भी विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष के अनुसार खरमास के माह (Kharmas Mnatra Jaap) में कुछ विशेष मंत्रों का जाप व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों से बचाता है. मंत्र जाप से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होती है.  


भगवान विष्णु के चमत्कारी मंत्र (Lord Vishnu Mantra Jaap During Kharmas)


– ॐ नमो भगवते वासुदेवाय


– ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात्


– ॐ विष्णवे नम:


– ॐ दन्ताभये चक्र दरो दधानं,


कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्,
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया,
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे.


– ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान, यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते.


 


 श्रीकृष्ण भगवान के मंत्र (Shri Krishna Mantra Jaap During Kharmas)


–  कौण्डिन्येन पुरा प्रोक्तमिमं मंत्र पुन: पुन:
जपन्मासं नयेद् भक्त्या पुरुषोत्तममाप्नुयात्
ध्यायेन्नवघनश्यामं द्विभुजं मुरलीधरम्
लसत्पीतपटं रम्यं सराधं पुरुषोत्तम्


– गोवर्धनधरं वन्दे गोपालं गोपरूपिणम्गो
गोकुलोत्सवमीशानं गोविन्दं गोपिकाप्रियम्


– ॐ नमो नारायण श्री मन नारायण नारायण हरि हरि


– श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा


– ॐ कृं कृष्णाय नमः


– ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात्


–  ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा


सूर्य देव के मंत्र (Surya Dev Mantra Jaap During Kharmas)


– ॐ घृणि सूर्याय नम:


– ॐ घृ‍णिं सूर्य: आदित्य:


– ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा


– ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:


– ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ


– ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः


– ॐ सूर्याय नम:


इन्हें करने से भी मिलता है लाभ


खरमास में नियमित रूप से स्नान के बाद उगते सूर्य को जल अर्पित करने से भाग्योदय होता है. इतना ही नहीं, तमाम रोग और कष्टों से भी छुटकारा मिलता है. इस माह में गीता का पाठ नियमित रूप से पढ़ने और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से काफी लाभ होता है. कहते हैं कि खरमास में गौदान और ब्राह्मण भोजन करवाने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा,  स्वर्ण, घी, वस्त्र, गुड़, चांदी, नमक या शहद आदि का सामर्थ्य के अनुसार दान करना उत्तम रहता है. 


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