Karwa Chauth 2021: करवा चौथ की पूजा कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को रखा जाता है. इस दिन न सिर्फ सुहागिन बल्कि कई कुंवारी लड़कियां भी सुयोग्य जीवनसाथी पाने के मकसद से व्रत रखती हैं. सुहागन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखते हुए चौथ माता की पूजा कर चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं. मगर पूजा के दौरान चार फल और दो दीपक का अर्पण विशेष है. मान्यता है कि चार फल महिला के कुनबे, दो दीपक भावी परिवार की रूपरेखा को प्रदर्शित करता है. आइए जानते हैं करवाचौथ पूजन का महत्व और तरीका.

1. करवाचौथ पूजा शाम को होती है, इसलिए शादीशुदा महिलाओं को स्नान के बाद लाल साड़ी पहनकर पूरा श्रृंगार करना चाहिए.2 साफ चौकी पर गंगाजल छिड़ककर लाल कपड़ा बिछाएं, उस पर चौथ माता की तस्वीर लगाएं या गेरू से भी चौथ मां की तस्वीर बना सकती हैं.3. दो मिट्टी के करवे और पीतल का लोटा लेकर जल भरें. अक्षत के साथ दोनों करवों और पीतल के लोटे में फूल या सिक्का डालें. 5. करवा, लोटे को ढक्कन से ढक कर चावल भरें. 6. फिर मिट्टी के करवों पर सुपारी, मिठाई, रबड़ी, सिंघाड़ा आदि रखें. 7. दोनों करवों पर चार- चार सींके स्थापित कर दें. 8. जल से आचमन और फूल माला चढ़ाएं. चौथ माता और करवों को हल्दी और रोली का तिलक लगाएं.9. गणेशजी की विधिवत पूजा करें और चौथ माता को श्रृंगार का पूरा सामान अर्पित करें.10. चौथ माता को सिंदूर चढ़ाएं और चूड़ी चढ़ाएं. 11. चार फल चढ़ाएं और दो दीपक लेकर बाती ऐसे रखें कि वह चार हो. 12. धूपबत्ती, अगरबत्ती और दीपक जलाएं और चौथ माता की आरती करें. 13. करवा चौथ व्रत कथा पढ़ते हुए गणेश जी और चौथ माता की आरती करें 15. दोनों करवों की आदला बदली कर पुए और पूरी से चौथ माता को भोग लगाए.16. चंद्रमा निकलने पर विधिवत पूजन करें और उसे भी पूरी और पुए का भोग लगाएं और चंद्रमा को अर्घ्य दें. 17. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति का चेहरा छलनी में देखें और उनके हाथ से कुछ खाकर अपना व्रत तोड़ें.

इन्हें पढ़ें : 

Karwa Chauth 2021: करवा चौथ के दिन इन 8 कार्यों को करने से बचें, जानें चंद्रोदय का समय और पूजा मुहूर्त

Kartik Month First Day: कार्तिक मास के पहले दिन ही लें भगवान विष्णु का आशीर्वाद, गुरुवार के दिन करें विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ