Jaya Parvati Vrat 2022: जया पार्वती व्रत (Jaya Parvati Vrat 2022) आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. इसे विजया व्रत के नाम से भी जाना जाता है. यह व्रत सुहागिन महिलाओं और कन्याओं के लिए बहुत अधिक मायने रखता है. सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत करती हैं. जबकि कन्यायें अच्छे वर पाने की लालसा से यह व्रत रखती हैं. भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न रखने के लिए यह कठिन व्रत 5 दिनों में पूरा किया जाता है.


जया पार्वती व्रत का पूजा तिथि और शुभ मुहूर्त (Jaya Parvati Vrat 2022 Puja Vidhi)


जया पार्वती व्रत आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी के दिन प्रारंभ होकर के कृष्ण पक्ष के तृतीया के दिन समाप्त होता है. पांच दिनों तक चलने वाला जया पार्वती व्रत 12 जुलाई दिन मंगलवार को प्रारंभ होकर 17 जुलाई दिन रविवार को खत्म होगा.


जया पार्वती पूजा विधि और महत्व (Jaya Parvati Vrat 2022 Importance)


जया पार्वती का व्रत करने वाली महिलाएं व्रत के शुरू होने के दिन एक बर्तन में गेहूं की बाली को रखकर उसे ऊपर से ढक देती हैं. उसे अपने घर के किसी कोने पर स्थापित करती हैं या मंदिर में ले जाकर स्थापित करती हैं और इस पर रोज सुबह हल्दी कुमकुम का टीका लगाती हैं. उन्हें रुई की माला पहनाई जाती है. सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना से यह व्रत रखती हैं.


भगवान शिव और माता पार्वती की 5 दिनों तक विधि-विधान से पूजा करने पर व्रती को मनोवांछित फल प्राप्त होता है. व्रत के समय सुहागिन महिलाएं एक दूसरे को अपने घर पर बुलाती हैं. उन्हें सदा सुहागन रहने का आशीर्वाद देती हैं. व्रत पारण करते समय रात्रि का जागरण किया जाता है. अगले दिन व्रत समाप्त किया जाता है.



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