Makar Sankranti 2022 Date : सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. मकर संक्रांति के पर्व को देश के अलग-अलग हिस्से में अलग- अलग नामों से जाना जाता है. मकर संक्रांति को पंजाब में लोहड़ी, उत्तराखंड में उतरायणी, गुजरात में उत्तरायण, केरल में पोंगल कहा जाता है. इसके साथ ही कहीं कहीं इसे खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है.
2022 में मकर संक्रांति कब है?पंचांग के अनुसार वर्ष 2022 में मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2022, शुक्रवार को पौष मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी की तिथि को मनाया जाएगा.
सूर्य का मकर राशि में गोचर14 जनवरी 2022 को सूर्य धनु राशि से निकल कर मकर राशि में गोचर करेंगे. सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं तो इस प्रक्रिया को संक्रांति कहा जाता है. मकर संक्रांति को सभी संक्रांति में अति महत्वपूर्ण माना गया है.
मकर संक्राति 2022- शुभ मुहूर्तमकर संक्राति पुण्य काल - दोपहर 02:43 से शाम 05:45 तकअवधि - 03 घण्टे 02 मिनटमकर संक्राति महा पुण्य काल - दोपहर 02:43 से रात्रि 04:28 तकअवधि - 01 घण्टा 45 मिनट
मकर संक्रांति का महत्वहिंदू धर्म में मकर संक्रांति के पर्व को महत्वपूर्ण माना गया है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान का विशेष पुण्य बताया गया है. मकर संक्रांति पर सूर्य देव उत्तरायण होते है. मान्यता के अनुसार इस दिन से ही ऋतु में परिवर्तन आरंभ हो जाता है. मकर संक्रांति से सर्दी में कमी आने लगती है यानि शरद ऋतु के जाने का समय आरंभ हो जाता है और बसंत ऋतु का आगमन शुरू हो जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति के बाद से ही दिन लंबे रातें छोटी होने लगती हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान आशुतोष ने भगवान विष्णु को आत्मज्ञान का दान दिया था. महाभारत की कथा के मुताबिक भीष्म पितामह ने अपनी देह का त्याग मकर संक्रांति पर किया था.