Hariyali Teej: पौराणिक कथाओं के मुताबिक तीज के दिन व्रत रख रही सुहागिनों को किसी से भी क्रोध नहीं करना चाहिए. मन मस्तिष्क ठंडा और क्रोध शांत रखने के लिए हाथों में मेहंदी लगानी चाहिए. मान्यता है कि मेहंदी हाथों में लगाने से चित शांत रहता है. क्रोध करने से व्रत फलविहीन हो जाता है. इसी तरह जो महिलाएं व्रत पूजन में शामिल होती हैं, उन्हें रात में सोना नहीं चाहिए. जागते हुए शिव पार्वती जी के भजन कीर्तन से मनोवांछित लाभ मिलता है.


महिलाएं को एक साथ इकट्ठा होकर मां पार्वती की महिमा को एक दूसरे को बताना और सुनना चाहिए. इसके अलावा सुहागिनों को दूध के सेवन करने से बचना चाहिए. अगर वे ऐसा करती हैं तो अशुभ परिणाम मिलता है. हरियाली तीज व्रत पूरी तरह निर्जल रहकर रखा जाता है, लेकिन इस दिन भूलकर कुछ खा लेती हैं तो दुष्परिणाम मिलता है. हालांकि अगर किसी को कोई रोग या तकलीफ है तो वह इस स्थिति में ज्योतिषी से बात कर उनके सलाह का पालन कर सकती है.


पति भी रख सकता है हरतालिका व्रत
यह व्रत सुहागिन महिलाएं और कुंवारी युवतियां रखती हैं. मगर एक बार व्रत रखने के बाद जीवन भर यह व्रत रखना पड़ता है. महिला ज्‍यादा बीमार है तो उसके बदले घर की दूसरी महिला या पति भी यह व्रत रख सकता है.


उद्यापन का तरीका
रात भर भजन कीर्तन के बाद सुबह पूजा कर मां पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और ककड़ी-हलवे का भोग लगाएं. इसके बाद व्रत तोड़ने के लिए खुद सुहागिनों को ककड़ी खानी चाहिए. अंत में सभी सामग्री एकत्र कर पवित्र नदी या कुंड में विसर्जित कर दें.


इन्हें पढ़ें  
Aaj Ka Panchang, Today Sawan Mass 2021: सावन के पहले दिन इन राशियों पर शिव कृपा


Sawan Shiv Puja: सावन में शिव पूजा के समय इन 5 चीजों को भूल से भी न करें अर्पित