दीवाली का पर्व कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है और इसके छठे दिन होता है छठ पूजा. यानि कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह पर्व आता है. लेकिन ये कोई एक दिवसीय पर्व नही है बल्कि इस पर्व की धूम तो 4 दिनों तक रहती है. कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी से शुरु होकर सप्तमी तक यह पर्व चलता रहता है. जिसकी शुरुआत इस 18 नवंबर से हो रही है. 

छठ पूजा में छठी मैया और सूर्य की उपासना का विधान है. और इस पूजा में भी कई विशेष सामग्री की आवश्यक्ता होती है. अगर आपने छठ पूजा के लिए अभी तक पूजा सामग्री नहीं खरीदी है तो इसकी लिस्ट हमने आपके लिए तैयार की है ताकि आप भूल से भी कुछ भूल ना जाएं.

छठ पूजा की सामग्री

  • छठ पूजा का प्रसाद रखने के लिए बांस की 2 बड़ी-बड़ी टोकरियां
  • बांस या पीतल का सूप
  • दूध और जल का पात्र 
  • एक लोटा और थाली
  • 5 गन्ने, जिसमें पत्ते लगे हों
  • शकरकंदी और सुथनी
  • पान और सुपारी
  • हल्दी
  • मूली
  • अदरक का हरा पौधा
  • बड़ा वाला मीठा नींबू
  • शरीफा
  • केला और नाशपाती
  • पानी वाला नारियल
  • मिठाई
  • गुड़
  • गेहूं
  • चावल का आटा
  • ठेकुआ
  • चावल
  • सिंदूर
  • दीपक
  • शहद और धूप 

छठ पूजा का कार्यक्रम

  1. 18 नवंबर यानि बुधवार को शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है. इस दिन को नहाय खाय कहा जाता है. इस दिन व्रती किसी नदी या तालाब में स्नान कर कद्दू की सब्ज़ी और सरसों का साग खाती हैं और फिर व्रत की सफलता की मनोकामना की जाती है. 
  2. 19 नवंबर यानि कि गुरुवार के दिन शुक्ल पक्ष की पंचमी है. इस दिन खरना होता है. छठ पूजा का प्रसाद इसी दिन बनाया जाता है. और प्रसाद बनाते वक्त कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए.
  3. 20 नवंबर यानि कि शुक्रवार को षष्ठी के दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसी दिन मुख्य छठ पूजा होती है. 
  4. 21 नवंबर यानि कि शनिवार को शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और प्रसाद ग्रहण कर व्रती छठ पूजा के व्रत का पारण करेंगे.