Calendar 2024: हिंदू धर्म में पति, संतान और परिवार की अच्छी सेहत, लंबी आयु और खुशहाली के लिए कई सारे व्रत किए जाते हैं. सुहग की सलामती के लिए रखे जाने वाले अधिकतर व्रत में शंकर-पार्वती, गणपति और चंद्रमा की पूजा जरुर की जाती है.


स्त्रियां अखंड सौभाग्य और पति की दीर्धायु के लिए करवा चौथ, हरितालिका तीज, वट सावित्री आदि व्रत रखती हैं. जानें अगले साल 2024 में जनवरी से दिसंबर तक सुहाग पर्व की डेट और महत्व.


साल 2024 सुहाग पर्व की लिस्ट (Festival list 2024 Calendar)



वट सावित्री व्रत (अमावस्या) - 6 जून 2024 (Vat Savitri Vrat 2024)


वट सावित्री व्रत (पूर्णिमा) - 21 जून 2024


वट सावित्री व्रत 2024 - वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या और पूर्णिमा दोनों तिथि पर मान्यता अनुसार किया जाता है. कथा है कि सावित्री के पतिव्रता धर्म को देखते हुए यमराज ने वट वृक्ष के नीचे उसके पति के प्राण दोबारा लौटाए थे, इसलिए इस व्रत में महिलाएं अखंड सौभाग्य, पति की लंबी आयु और कल्याण के लिए यह वट वृक्ष की पूजा करती हैं. वट के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास होता है.


हरियाली तीज 2024 - 7 अगस्त 2024 (Hariyali Teej 2023)


सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है. ये व्रत भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है. मान्यता है कि भगवान शकंर को पाने के लिए देवी पार्वती ने कठोर तप किया था और देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर हरियाली तीज के दिन ही शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकारा था. यही वजह है कि सुयोग्य वर की प्राप्ति और वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए स्त्रियां हरियाली तीज व्रत करती हैं.


कजली तीज 2024 - 22 अगस्त 2024 (Kajari Teej 2024)


भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की तृतीय तिथि को मनाई जाती है, इसे कजरी तीज, बूढ़ी तीज, सातूड़ा तीज आदि नामों से भी जाना जाता है.  यह ख़ासतौर पर उत्तर और मध्य भारत में मनाया जाता है. शादीशुदा जीवन की समस्याओं और विवाह से संबंधित परेशानियों को दूर करने की कामना से कजली तीज पर नीमड़ी माता, गणपति और शंकर-पार्वती की पूजा की जाती है. इसमें चंद्रमा देखने के बाद ही व्रत संपन्न किया जाता है.


हरतालिका तीज 2024 - 6 सितंबर 2024 (Hartalika Teej 2024)


हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है. दक्षिण में इस व्रत को ‘गौरी हब्बा’ के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती और शिव का पुन: मिलन हुआ था. इसमें महिलाएं 24 घंटे का निर्जला व्रत कर अखंड सौभाग्यवती रहने की कामना करती हैं. हरतालिका तीज के दिन रात्रि जागरण कर शिव-पार्वती की पूजा का विधान है. कहते हैं माता पार्वती की सखियां उनका अपहरण करके जंगल में ले गई थीं ताकि उनके पिता उनकी इच्छा के विरुद्ध उनका विवाह भगवान विष्णु से न कर दें. यहां उन्होंने जंगल में शिव को पाने के लिए तपस्या की थी.


करवा चौथ 2024 - 20 अक्टूबर 2023 (Karwa Chauth 2024)


साल में जितनी भी तीज हैं उसें विवाहिता और कुंवारी लड़किया व्रत करती हैं लेकिन करवा चौथ का व्रत सिर्फ सुहागिनों का होता है. अपने सुहाग की सलामती और पति की लंबी आयु के लिए स्त्रियां सुबह से चंद्रोदय तक निर्जला व्रत करती हैं और फिर चांद को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथी पानी पीकर व्रत खोलती हैं. करवा चौथ कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है.


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