Bhaum Pradosh Vrat 2025: शिव का प्रिय महीना सावन शुरू होने वाला है, सावन से पहले महादेव को प्रसन्न करने का खास अवसर पड़ रहा है आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन. इस तिथि पर मंगलवार का संयोग बन रहा है इसलिए ये भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा.

शिवजी को खुश करने के लिए भोलेनाथ के भक्तों को यह व्रत जरूर रखना चाहिए. मान्यता है इस व्रत से भक्तों के सभी कष्ट दूर कर उनकी मनोकामना पूरी करते हैं. प्रदोष और मंगलवार का महासंयोग जीवन में क्या फल देता है आइए जानते हैं.

भौम प्रदोष व्रत क्यों किया जाता है ?

  • भौम प्रदोष को मंगल प्रदोष भी कहा जाता है. भौम प्रदोष का व्रत ऋण से मुक्ति, भूमि-भवन आदि सम्बन्धित विवादों के निवारण तथा शारीरिक बल की वृद्धि पाने के लिए किया जाता है.
  • यह व्रत आर्थिक बाधाओं से मुक्ति प्रदान करता है और विभिन्न प्रकार की शारीरिक व्याधियों को नष्ट करता है.
  • मंगल ग्रह से सम्बन्धित नकारात्मक प्रभावों से रक्षा में भी यह व्रत सहायक सिद्ध होता है.
  • भगवान शिव और मंगल देव की कृपा से व्रती को साहस, आत्मबल तथा निर्भयता प्राप्त होती है.

भौम प्रदोष व्रत जुलाई 2025 में कब ?

भौम प्रदोष व्रत 8 जुलाई 2025 को रखा जाएगा. इस दिन प्रदोष काल में शिव पूजन का महत्व बताया गया है. कहते हैं इस दौरान शिव जी प्रसन्न होकर कैलाश पर नृत्य करते हैं और जो कोई उनकी आराधना करता है उसकी मनोकामना जल्द सिद्ध हो जाती है.

  • आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी तिथि शुरू - 7 जुलाई 2025, रात 11.10
  • आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी तिथि समाप्त - 9 जुलाई 2025, प्रात: 12.38
  • भौम प्रदोष पूजा मुहूर्त - रात 07:23 - रात 09:24

FAQs: भौम प्रदोष व्रत 2025

1. भौम प्रदोष व्रत में ध्यान रखें ये बाते ?

क्रोध न करें, सात्विक भोजन लें, पूजा में तुलसी, हल्दी, केतकी का फूल उपयोग न करें, दोपहर में न सोएं

2. प्रदोष व्रत में क्या खाएं, क्या नहीं खाएं ?

फल, साबूदाना, कुट्टू का आटा, और सिंघाड़े का हलवा। इसके अलावा, आप दूध, दही, और नारियल पानी भी ले सकते हैं. प्याज, लहसुन, अन्न, का सेवन नहीं करें.

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