Bhadrapada 2023: हिंदू धर्म में हर महीने का अपना विशेष महत्व होता है. फिलहाल सावन का महीना चल रहा है, जोकि शिवजी का प्रिय माह माना जाता है. जिस तरह से सावन का महीना शिवजी की उपासना के लिए खास होता है, उसी तरह भाद्रपद महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा भी विशेष महत्व है.


भाद्रपद या भादो माह की शुरुआत सावन के समाप्त होने के बाद होती है. धार्मिक दृष्टिकोण से इस महीने को महत्वपूर्ण माना जाता है. इसी महीने में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण अवतार में जन्म लिया था. जानते हैं कब शुरू होगा भाद्रपद माह और क्यों कृष्ण उपासना के लिए महत्वपूर्ण है यह महीना.



कब शुरु होगा भाद्रपद का महीना


हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद साल का 6वां महीना होता है, जोकि सावन के बाद शुरू होता है. इसे भाद्रपद, भाद्र, भादो या भाद्रव नामों से भी जाना जाता है. अंग्रेजी या ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, आमतौर पर यह अगस्त और सितंबर के महीने में पड़ता है. इस साल भाद्रपद माह की शुरुआत 01 सितंबर 2023 को होगी और इसकी समाप्ति 29 सितंबर को होगी.


भाद्रपद माह का महत्व


पूजा-पाठ और व्रत के लिए भाद्रपद माह का खास महत्व है. धर्म शास्त्रों के अनुसार, भाद्रपद माह में पवित्र नदियों में स्नान करना, गरीबों को दान करना और व्रत रखना चाहिए. साथ ही इस पूरे माह नियमित रूप से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए. इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.


क्यों श्रीकृष्ण उपासना के लिए खास है भाद्रपद


भाद्रपद को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय मास कहा गया है. इसलिए श्रीकृष्ण की पूजा, व्रत और उपाय के लिए इस महीने का खास महत्व होता है. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इस महीने श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव के साथ ही राधा जन्मोत्सव, कजरी तीज, भगवान गणेश महोत्सव, अनंत चतुर्दशी, कुश की अमावस्या, विश्वकर्मा जयंती आदि जैसे महत्वपूर्ण त्योहार  भी पड़ते हैं. भाद्रपद में घर पर लड्डू गोपाल की स्थापना करना, शंख की स्थापना करना और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना बहुत शुभ होता है. इससे धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है. साथ ही संतान प्राप्ति की कामना के लिए भाद्रपद में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर संतान गोपाल मंत्र का जाप करने और हरिवंश पुराण का पाठ करने या सुनने से संतान सुख की प्राप्ति होती है.


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