Ayodhya Ram mandir: 17 अप्रैल को राम नवमी का पर्व बहुत ही धूम-धाम से मनाया गया और राम नवमी(Ram Navami) के पावन अवसर पर रामलला (Ramlalla) के चरणों में स्थापित की गई स्वर्ण अक्षरों से अंकित रामचरित मानस (Ramchaitramanas).


रामचरित मानस हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं. इस ग्रंथ की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने  की थी. यह ग्रंथ आस्था से जुड़ा हुआ है. रामचरितमानस की हर चौपाई और मंत्र लोगों को अच्छी सीख देती है. 


रामलला के गर्भगृह में स्थापित इस स्वर्ण रामचरित मानस (Ramchaitramanas) को मध्यप्रदेश कैडर के पूर्ण आईएएस अधिकारी सुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण ने बनवाया है और मंदिर को दान दिया है. मंदिर में आने वाला हर श्रद्धालु से खास स्वर्ण राम चरित मानस के दर्शन कर पाएगा.


जानकारी के अनुसार स्वर्ण अंकित राम चरित मानस (Ramchaitramanas) की कीमत लगभग 5 करोड़ रूपये बताई जा रही है. इस रामायण (Ramayan) का वजन 1.5 क्विंटल से भी ज्यादा है. इसका हर एक पृष्ठ (पन्ना) तांबे से बना है, जो 14 गुणा 12 इंच का है. वहीं हर पन्नों पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ाई गई है.


इन पर राम चरित मानस के छंद अंकित किए गए हैं. रामायण (Ramayan) में मौजूद 500 पन्नों पर 10,902 छंद हैं. इसके हर पन्नों पर 14 गेज के 12 इंच की 3 किलोग्राम तांबे की प्लेट का इस्तेमाल कर के बनाया गया है.इसको बनाने में 151 किलो तांबे और तीन से चार किलो सोने का इस्तेमाल हुआ है.


सोने से बनी इस रामायण या राम चरित मानस को रामलाला से 15 फीट दूर पत्थर के आसन पर रखा हुआ है. वहीं इसके ऊपरी भाग पर चांदी से बना राम का पट्टाभिषेक भी बना हुआ है.


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