Halharini Amavasya in July 2021: हिंदू धर्म में आषाढ़ अमावस्या का विशेष महत्त्व है. इसे अषाढ़ी या हलहारिणी अमावस्या भी हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही कृषि यंत्रों की भी पूजा की जाती है. साल 2021 में आषाढ़ अमावस्या 9 जुलाई दिन शुक्रवार को होगी. भारत के मौसम विभाग के अनुसार आषाढ़ मास के अंत में वर्षा ऋतु प्रारंभ होती है. इस लिए किसान आषाढ़ अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या के रूप में मनाते हैं. इस दिन ये किसान खेती से जुड़े यंत्रों जैसे हल आदि की पूजा करते हैं. इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और पितरों के तर्पण का विधान है. आइये जानें हलहारिणी अमावस्या की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि व महत्व.
हलहारिणी अमावस्या 2021 पूजा तिथि और मुहूर्त
हिंदी पंचांग के अनुसार, हलहारिणी अमावस्या की पूजा व व्रत आषाढ़ मास की अमावस्या को किया जाता है. इस बार यह अमावस्या तिथि 9 जुलाई दिन शुक्रवार को है. अमावस्या तिथि का प्रारंभ 09 जुलाई 2021 को प्रातःकाल 5 बजकर 16 मिनट से होगी और यह 10 जुलाई शनिवार को सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसी स्थिति में आषाढ़ मास की अमावस्या का व्रत 9 जुलाई को रखा जाएगा और इस व्रत का पारण 10 जुलाई को किया जाएगा.
आषाढ़ अमावस्या की पूजन विधि
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है. सनातन धर्म में पितरों की आत्मा की शांति के लिए अमावस्या के दिन गंगा स्नान कर तर्पण करने का नियम उल्लिखित है. पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास में चातुर्मास का प्रारंभ होता है. चातुर्मास में पितरों को तर्पण करने एवं उनके नाम से दान करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और उसके बाद तर्पण एवं दान किया जाता है. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.