कभी-कभी कुछ कारणों से हमारे मेंटल हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ जाता है जिससे लोग परेशान रहने लगते हैं. हर किसी के पास इतनी समस्या है कि उसका असर दिमाग पर पड़ता ही है. अगर आपके मन में भी नकारात्मक विचार आकर आपको परेशान कर रहे हैं तो आपको बिना वजह स्ट्रेस लेने की जरूरत नहीं है. इन सभी तनावों व स्ट्रेस को खुद से दूर करने के लिए आप योग का सहारा ले सकती हैं. ऐसे कई प्रणायाम हैं, जो ना सिर्फ स्ट्रेस को दूर करते हैं, बल्कि आपको शारीरिक व मानसिक रूप से भी सेहतमंद बनाते हैं.  ऐसे में हम यहां आपको बताएंगे कि मेंटल हेल्थ ठीक करने के लिए आप कौन-कौन से प्राणायाम कर सकते हैं. चलिए जानते हैं.

भ्रामरी प्राणायाम-भ्रामरी प्रणायाम के दौरान अंतरंग नाद क्रिएट किया जाता है यह नाद हमारे शरीर व दिमाग में घूमता है यह सेल्युलर लेवल पर जाकर यह इफेक्ट लेकर आता है, इससे बॉडी के अंदर पॉजिटिव बदलाव आते हैं और दिमाग एकदम शांत हो जाता है. इसलिए अगर किसी को बहुत अधिक गुस्सा आता हो या फिर आप हरदम स्ट्रेस में रहती हैं तो भ्रामरी प्रणायाम के अभ्यास से आपको यकीनन लाभ होगा.

ऐसे करें भ्रामरी प्राणायाम-

  • भ्रामरी प्रणायाम का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले आप आंखें बंद करके सीधा बैठ जाएं.
  • अब दोनों हाथों के अंगूठे से अपने कान बंद कर लें और दोनों हाथों की तर्जनी उंगली को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को आंखों के उपर रखें.
  • एक लंबी गहरी सांस लें इसके बाद बिना मुंह खोले भ्रमर की आवाज निकालें और इस दौरान सांस को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें इसी प्रक्रिया को आप अपनी क्षमता के हिसाब से बार-बार दोहरा सकती हैं.

ओम चैटिंग- अगर आपने अभी-अभी योगाभ्यास शुरू किया है और योगासन करने में आपको कठिनाई का अहसास हो रहा है तो ओम् चैटिंग के जरिए आप अपने मन को रिलैक्स कर सकती हैं, मेडिटेशन के दौरान भी आप ओम चैटिंग का अभ्यास कर सकते है यह आपके मन-मस्तिष्क को पूरी तरह शांत करता है.

ऐसे करें ओम चैटिंग-

ओम् चैटिंग का अभ्यास करने के लिए एक शांत जगह पर जाकर बैठ जाएं सुखासन या किसी और आसान में बैठकर आंखें बंद करके ओम् का उच्चारण करें.

इस दौरान मन में आने वाले विचारों को जबरदस्ती रोकने की कोशिश ना करें जब आप शांतिपूर्वक ओम् का उच्चारण करेंगी तो कुछ ही देर में आपका मन खुद ब खुद शांत हो जाएगा.

नाड़ी शोधन प्राणायाम- नाड़ी शोधन प्रणायाम दिमाग में ऑक्सीजन के लेवल को बढ़ाता है यह ब्रेन सेल्स को एक्टिव करता है, जिससे माइंड शांत होता है. जब नाड़ीशोधन प्रणायाम के दौरान कुम्भक किया जाता है तो इससे ऑक्सीजन कुछ देर के लिए आपके शरीर में रूकती है. इस दौरान आपके माइंड और बॉडी का डिटॉक्सीफिकेशन होता है जिससे नकारात्मक विचार भी आपके मन से दूर होता है. इसके नियमित अभ्यास से गुस्सा, स्ट्रेस और चिड़चिडे़पन जैसी परेशानी भी दूर होती है.

कैसे करें नाड़ी शोधन प्राणायाम-

  • नाड़ीशोधन प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए सुखासन या पद्मासन में आंखें बंद करके एकदम सीधा बैठ जाएं.
  • अब सीधे हाथ की प्राणायाम मुद्रा बनाए अब दाएं हाथ के अंगूठे से दायीं नासिका बंद कर पूरी श्वास बाहर निकालें.
  • अब बायीं नासिका से श्वास को भरें, तीसरी उंगली से बायीं नासिका को भी बंद कर आंतरिक कुंभक करें जितनी देर स्वाभाविक स्थिति में रोक सकते हैं, रोकें.फिर दायां अंगूठा हटाकर श्वास को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें.
  • 1-2 क्षण बाह्य कुंभक करें फिर दायीं नासिका से गर्दन उठाकर श्वास को रोकें, फिर बायीं से धीरे से निकाल दें आप इसी तरह बार-बार नाड़ीशोधन प्रणायाम का अभ्यास कर सकती हैं.

उज्जयी प्राणायाम- उज्जयी प्राणायाम अधिकतर थायराइड हार्मोन्स को बैलेंस करने का काम करता है, थायराइड के अन बैलेंस होने के कारण स्ट्रेस  होता है. इसलिए अगर नियमित रूप से इसका अभ्यास किया जाए तो आपको तनाव और थॉयराइड जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.

कैसे करें उज्जयी प्राणायाम-

  • उज्जायी प्रणायाम का अभ्यास करने के लिए सर्वप्रथम सुखासन में बैठ कर मुंह को बंद करके नाक के दोनों छिद्रों से वायु को तब तक अन्दर खींचें, जब तक वायु फेफड़े में भर न जाए.
  • याद रखें कि वायु को अंदर खींचते समय गले से खर्राटें की आवाज निकलनी चाहिए.
  • अब आप कुछ देर आंतरिक कुंभक (वायु को अंदर ही रोकना) करें इसके बाद फिर नाक के दाएं छिद्र को बंद करके बाएं छिद्र से वायु को धीरे-धीरे बाहर निकाल दें.
  • इस तरह इस क्रिया का पहले 5 बार अभ्यास करें और धीरे-धीरे अभ्यास की संख्या बढ़ाते हुए 20 बार तक ले जाएं.

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधितरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.