आजकल तनाव और अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से कई लड़कियों को पीरियड्स की समस्या होने लगी है. कुछ को तो बहुत जल्दी या फिर बहुत देर से आता है पीरियड्स. जिससे परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है. लेकिन क्या आप जानती हैं कि बिना किसी दवा के केवल तीन योगासन करने से भी अनियमित पीरियड्स से राहत मिल सकती है. तो आइए जानते हैं कि योग कैसे रेगुलर नहीं आ रहे पीरियड्स को रेगुलर करने में मदद करता है. 

पीरियड्स इरेगुलर होने की समस्यासबसे पहले तो यह महिलाओं के लिए बहुत परेशानी भरा होता है, इरेगुलर पीरियड्स की वजह से वे अपने दैनिक कार्यों और जीवन शैली का ठीक से नियोजन नहीं कर पाती. कभी पीरियड्स जल्दी आ जाते हैं तो कभी बहुत देर से. इससे मानसिक तनाव और चिंता बढ़ती है. इरेगुलर पीरियड्स कई बार भारी रक्तस्राव का कारण बनते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. रक्त की कमी से कमजोरी, थकान और चक्कर आने लगते हैं. कई बार ऐसा भी देखा गया है कि इरेगुलर पीरियड्स की वजह से गर्भाशय में असामान्य परिवर्तन आ सकते हैं. इससे भविष्य में गर्भधारण करने में समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए, इरेगुलर पीरियड्स किसी भी महिला के लिए चिंता का विषय होना चाहिए. समय रहते डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. जीवनशैली में परिवर्तन और योग-एक्सरसाइज जैसी चीजें भी मददगार साबित हो सकती हैं.

मालासनमालासन एक बैठक आसन है जो हिप्स, पैरों और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में मदद करता है. यह आसन गर्भाशय और डिंबग्रंथियों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है. इस आसन को करने के लिए, सीधे खड़े हों और पैरों को कंधों से अधिक चौड़ा रखें. धीरे-धीरे घुटनों और हिप्स को झुकाते हुए बैठ जाएं, जिससे कि पैर आपके हिप्स के नीचे आ जाएं. अपने हाथों को घुटनों पर रखें और कोर को एक्टिवेट करें. 10-30 सेकंड तक इस मुद्रा में बने रहें. बाहर निकलने के लिए, हाथों की मदद से धीरे-धीरे ऊपर को उठें. इस आसन को नियमित अभ्यास से अनियमित पीरियड्स में राहत मिल सकती है. यह गर्भाशय क्षेत्र की मांसपेशियों को मजबूत करता है और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में सहायक है.

वज्रासनवज्रासन एक बैठक योग मुद्रा है जो हिप्स, पैरों और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाती है. इस आसन को करने के लिए, पहले पैरों को पीछे की ओर मोड़कर जमीन पर बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें. फिर आंखें बंद करके हाथ घुटनों पर रखें और किसी मंत्र का उच्चारण करते हुए इस मुद्रा में बने रहें. यह आसन पेट संबंधी समस्याओं, कमर और हिप्स के दर्द तथा मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं जैसे पीरियड्स में दर्द और अनियमित यूरिनेशन से राहत दिलाता है.  भुजंगासनभुजंगासन एक योग मुद्रा है जो पीठ, कंधों और गर्दन को मजबूत बनाती है. इसे करने के लिए, सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और हाथों को सिर के दोनों तरफ रखें. फिर धीरे-धीरे कंधों और छाती को उठाते हुए मुद्रा में आएं, साथ ही सिर को पीछे की ओर झुकाएं. इस दौरान सांस लेते रहें. 30 से 60 सेकंड तक बने रहिए.नियमित रूप से भुजंगासन करने से पीरियड्स समस्या, गर्दन और कंधों का दर्द, पेट की चर्बी तथा मांसपेशियों की समस्याएं कम होती हैं. यह एक बहुत ही लाभदायक योगासन है.

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