Age at First Birth in Afghanistan: अफगानिस्तान दुनिया के उन देशों में गिना जाता है, जहां लड़कियों का कम उम्र में मां बन जाना आम बात है और प्रजनन दर भी दुनियाभर स्तर पर बेहद ऊंची है. यहां की सामाजिक संरचना, परंपराएं और आर्थिक परिस्थितियां मिलकर ऐसी स्थिति बनाती हैं जहां लड़कियां बहुत जल्दी मां बनने की जिम्मेदारी संभाल लेती हैं. अंतरराष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार, अफगानिस्तान में पहली बार मां बनने की औसत उम्र 19.9 वर्ष है. इसका मतलब है कि बड़ी संख्या में लड़कियां 20 साल पूरा होने से पहले ही बच्चे को जन्म दे देती हैं. कई समुदायों में तो यह उम्र और भी कम देखने को मिलती है, जिसकी वजह जल्दी शादी, शिक्षा की कमी और सीमित स्वास्थ्य सुविधाएं हैं.
फर्टिलिटी रेट काफी हाई
प्रजनन क्षमता यानी फर्टिलिटी रेट की बात करें तो यह आंकड़ा और भी हैरान करता है. अफगानिस्तान में एक महिला अपने जीवनकाल में औसतन 4.84 बच्चे जन्म देती है. यह दर दुनिया में सबसे ऊंची प्रजनन दर वाले देशों की श्रेणी में आती है. हालांकि 1960 में यही दर 7.28 थी, जो अब घटकर लगभग पांच के करीब पहुंच चुकी है, लेकिन इसकी ऊंचाई आज भी गंभीर सामाजिक और स्वास्थ्य चुनौतियों की ओर इशारा करती है. जन्मदर में आई यह गिरावट धीमी रही है और मौजूदा हालात को देखते हुए आगामी वर्षों में भी इसके तेजी से कम होने की संभावना कम ही दिखती है.
तेजी से बढ़ रही आबादी
देश की आबादी तेजी से बढ़ने का एक प्रमुख कारण उच्च जन्मदर है. केवल 2022 से 2023 के बीच जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या मौतों की संख्या से 12 लाख 28 हजार अधिक रही. यानी सिर्फ प्राकृतिक रूप से बिना एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वालों को ध्यान में रखे. अफगानिस्तान की आबादी में लगभग 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई. यह वृद्धि भविष्य में देश की सामाजिक, आर्थिक और हेल्थ सिस्टम पर भारी दबाव डाल सकती है.
अफगानिस्तान में किशोरावस्था में मातृत्व भी एक बड़ी चिंता का विषय है. 1960 में 15 से 19 वर्ष की लड़कियों में जन्मदर 140.6 प्रति 1,000 थी, जो 2023 में कम होकर 64.1 प्रति 1,000 रह गई है. यह गिरावट सकारात्मक जरूर है, लेकिन यह दर आज भी औसत से काफी अधिक है. शिक्षा और जागरूकता में आई थोड़ी-बहुत प्रगति के बावजूद, मां बनना अभी भी लड़कियों के शुरुआती जीवन का हिस्सा बना हुआ है. यही कारण है कि 2024 में देश की कुल आबादी का लगभग 24 प्रतिशत हिस्सा प्रजनन आयु (15 ले 49 वर्ष) की महिलाओं का है. तालिबान के आने के बाद अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति में काफी बदलाव आया है, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महिलाओं की शिक्षा पर काफी रोक लगाई गई है, इसके अलावा भी उनके ऊपर कई कड़े नियम लागू किए गए हैं.
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