पतंजलि का दावा है कि योग गुरु बाबा रामदेव की शिक्षाएं आज स्वास्थ्य और वेलनेस की दुनिया को गहराई से प्रभावित कर रही हैं. एक साधारण योगी से शुरू हुई उनकी यात्रा ने न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक चिकित्सा को नई दिशा दी है. पतंजलि का कहना है कि बाबा रामदेव ने योग, आयुर्वेद और नैचुरोपैथी को दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बना दिया, जो आधुनिक जीवनशैली की बीमारियों से जूझते लोगों के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है.
पतंजलि ने बताया, ''स्वामी रामदेव की शिक्षाओं का मूल आधार है 'सरल जीवन, उच्च विचार'. वह प्राणायाम, आसनों और आयुर्वेदिक उपचारों पर जोर देते हैं, जो डायबिटीज, मोटापा, पीठ दर्द और तनाव जैसी लाइफस्टाइल बीमारियों का प्राकृतिक समाधान प्रदान करते हैं. बाबा रामदेव का कहना है कि आधुनिक दवाएं लक्षणों का इलाज करती हैं, लेकिन योग और आयुर्वेद जड़ को मजबूत बनाते हैं. उनके अनुसार, रोजाना 30 मिनट का सूर्य नमस्कार और अनुलोम-विलोम प्राणायाम न केवल शारीरिक स्वास्थ्य सुधारते हैं, बल्कि मानसिक संतुलन भी लाते हैं.''
हमारे हर्बल उत्पादों की बिक्री 20% बढ़ी- पतंजलि
साल 2025 में कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, उनके हर्बल उत्पादों की बिक्री 20% बढ़ी है. पतंजलि का दावा है, ''यह आंकड़ें वैश्विक बाजार में आयुर्वेद की बढ़ती मांग को दर्शाते हैं. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (अक्टूबर 2025) पर पतंजलि ने 'आयुर्वेदिक माइंडफुलनेस' अभियान चलाया, जिसमें रामदेव ने ध्यान और हर्बल चाय को तनाव प्रबंधन का सुझाव दिया. उनकी पहल ने युवाओं को जिम और डाइटिंग से हटकर होलिस्टिक वेलनेस की ओर मोड़ा है. अमेरिका और यूरोप में उनके ऑनलाइन योग कैंप लाखों लोगों को जोड़ते हैं, जहां पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक ऐप्स के साथ जोड़ा जाता है.''
करोड़ों लोगों को प्रेरित कर रही है रामदेव की विरासत- पतजंलि
पतंजलि का कहना है, ''हमारे विश्वविद्यालय में अब योग-आधारित मेडिकल कोर्स भी शामिल हैं. बाबा रामदवे की शिक्षाएं साबित करती हैं कि प्राचीन भारतीय ज्ञान आधुनिक चुनौतियों का हल है. आज जब महामारी के बाद स्वास्थ्य जागरूकता चरम पर है, रामदेव की विरासत करोड़ों लोगों को प्रेरित कर रही है. भविष्य में उनकी शिक्षाएं डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से और मजबूत होंगी, जो एक स्वस्थ, सतत विश्व की नींव रखेंगी.''