Heatwave And Heat Stroke In Summer: मई के आखिर और जून में तापमान आसमान छूने लगता है. तापमान 40 डिग्री सेल्शियस से ऊपर पहुंच रहा है. ऐसे में तेज धूप और गर्मी से बचाव करना बहुत जरूरी है. खासतौर से छोटे बच्चों को धूप और हीट स्ट्रोक से बचाकर रखें. पिछले कुछ दिनों में हॉस्पिटल्स में ऐसे बच्चों की संख्या काफी आ रही है जो हाई फीवर, डायरिया या डिहाइड्रेशन की वजह से बीमार हैं. ऐसे बच्चों की उम्र 10 साल से 15 साल के बीच है जो हीट स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं. बच्चों को हीट स्ट्रोक का खतरा बड़ों के मुकाबले इसलिए ज्यादा है क्योंकि बच्चों बॉडी सरफेस एरिया हायर और ब्लड वॉल्यूम कम होता है. बच्चों को बड़ों के मुकाबले कम पसीना आता है. ऐसे में बच्चे गर्मी और हीट स्ट्रोक के शिकार जल्दी होते हैं. 

बच्चों में हीट स्ट्रोक के लक्षण

  • हाई फीवर आना
  • न्यूरोलॉजिकल समस्या
  • हार्टबीट का बढ़ना
  • सिर में दर्द होना
  • उल्टी और दस्त होना
  • डिहाइड्रेशन होना
  • त्वचा लाल और रूखी होना

हीट स्ट्रोक की वजहकुछ बच्चे लगातार धूप में रहते हैं इससे हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है. अगर बच्चे एसी से एकदम बाहर आते हैं तो इससे बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है. जो बच्चे पानी कम पीते हैं उन्हें भी ज्यादा खतरा रहता है. स्कूल जाने वाले बच्चों को हीट स्ट्रोक का खतरा ज्यादा हो रहा है. ऐसे में बच्चों का खास ख्याल रखें.

हीट स्ट्रोक होने पर क्या करेंअगर बच्चा ही स्ट्रोक का शिकार हो गया है तो सबसे पहले उसे ठंडे पानी से नहलाना जरूरी है. आप चाहें तो बच्चे को आइस पैक लगा सकते हैं. इसके अलावा गीली पानी की तौलिया उसके हाथ, पैर और सिर पर रखें. बच्चे की लगातार हवा करें. उसे ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाएं.

हीट स्ट्रोक से कैसे बचाएं

  • जो बच्चे स्कूल जाते हैं उनके साथ पानी की बोतल रखें
  • घर से बाहर निकले तो छाता या कैप लगातर निकलें
  • हल्का स्नैक्स खाते रहें, भूखे न रहें
  • ताजा फल, जूस या नींबू पानी पिलाएं
  • बच्चों को ग्लूकोन डी या ओआरएस दें
  • बच्चों को ज्यादा से ज्यादा देर घर में ही रखें
  • धूप में खलने या कोई स्पोर्ट्स एक्टिविटी से बचाएं
  • बच्चों को खूब पानी पिलाएं और हाइड्रेट रखें
  • हल्के और सूती कपड़े पहनाएं
  • बाहर का खाना खाने से बचाएं

अगर बच्चे को हीट स्ट्रोक हुआ है और तेज बुखार है तो आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. कई बार ये समस्या ज्यादा भयानक हो सकती है. बच्चों के दिमाग में बुखार चढ़ने पर परेशानी होने लगती है.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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