महानगरों में प्रदूषण के कारण एयर क्वालिटी दिन पर दिन खराब हो रही है. जिसके कारण कई सारी गंभीर बीमारी शुरू हो जाती है. प्रदूषण के कारण फेफड़े काफी ज्यादा प्रभावित होती है. इसके कारण सांस लेने में दिक्कत, सांस की बीमारी, खांसी, घरघराहट, सांस की तकलीफ जैसे गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं. सांस संबंधी बीमारी से बचने के लिए आपको इन 4 समस्याओं से निजात पाने के लिए इन 4 योग को करना बेहद जरूरी है. 

सांस संबंधी दिक्कतों से निजात चाहिए तो इन बातों का रखें खास ख्याल

सांस संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए कुछ प्राणायाम टेक्निक काफी काम की होती है जो फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाती है. और सांस लेने की टेक्निक में सुधार लाती है. इस रिसर्च में यह बात सामने आई है कि फेफड़ों के लिए योग करना काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. योग करने से स्ट्रेस कंट्रोल में रहता है.

योग करने से फेफड़े में ऑक्सीजन सही तरीके से जाती है. योग ब्रोंकाइटिस के कारण लंग्स में ऑक्सीजन ठीक तरीके से सप्लाई होती है. अगर आप भी सांस लेने की दिक्कत से जूझ रहे हैं तो सबसे पहले आपको अपनी लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतों में बदलाव में करना चाहिए. साथ ही साथ खुद को हाइड्रेटेड रखना, पौष्टिक आहार लेना और फेफड़ों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए योग करना बेहद जरूरी है. 

उष्ट्रासन

सांस संबंधी दिक्कतें है तो इस योग को करें. इसके लिए सबसे पहले एक मैट लें और उस पर घुटनों के बल बैठ जाएं और फिर हाथों को कूल्हों पर रखें. अपनी पीठ को झुकाएं और अपनी हथेलियों को अपने पैरों पर तब तक खिसकाएं जब तक कि बाहें सीधी न हो जाएं.

अपने गर्दन को फ्लेक्स न करें. इसके लिए अपने पोस्चर को सीधा रखें. सांस बाहर की तरफ छोड़े और फिर वापस धीरे-धीरे प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं. अपने हाथों को वापस ले लें और जैसे ही आप सीधा करें. उन्हें वापस अपने कूल्हों पर ले आएं.

चक्रासन 

इस योग को करने के लिए पीठ के बल मैट पर लेट जाएं. अपने पैर और घुटनों को मोड़े और फिर पैर को फर्श पर टिका दें. हथेलियों को आकाश पर रखें और हाथों को कोहनियों के पास से मोड़ें. बाहों और कंधों को ऊपर की ओर ले जाएं और फिर हथेलियों को फर्श पर रखें. गहरी सांस ले और अपनी हथेलियों और पैरों पर दबाव डालें. अपने शरीर को आर्क बनाते हुए ऊपर की ओर उठाएं. पनी गर्दन को आराम दें और सिर को पीछे से मुड़ने दें. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

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