Covid: भारत में मजबूत इम्यून सिस्टम के आगे कोरोना दम तोड़ता नजर आ रहा है, हर दिन मामले में गिरावट आ रहे हैं, हालांकि इसका प्रकोप पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है.अभी भी देश में नए मामले कहीं ना कहीं दर्ज किए जा रहे हैं,लेकिन इन दिनों कोरोना से जुड़ी एक और चीज़ है वो देखने को मिल रही है..दरअसल कोरोना से ठीक होने के  बाद भी सामान्य रूप से उच्च श्रेणी की बुखार और लंबे समय तक खांसी कई मरीजों में देख रहे हैं.ये क्यों हो रहा है इसके पीछे की वजह क्या है जब इसका जवाब जानने एक्सपर्ट के पास पहुंचे तो उन्होंने भी इसकी हामी भरी,डॉक्टर्स का कहना है कि उच्च ग्रेड का बुखार जैसे 102 डिग्री से अधिक और लंबी खांसी 2 सप्ताह से अधिक समय से परेशान कर रही है. इसके अलावा भूख ना लगने और जीवन चलाने जैसी भी समस्या देखने को मिली है. उनके ये मुताबिक लॉन्ग कोविड नहीं है बल्कि यह नॉर्मल कोविड का ही विस्तार है. लॉन्ग कोविड, कोविड लक्षणों के समाधान के बाद होता है लेकिन अभी कोविड के लक्षण असामान्य रूप से लंबे समय तक बने हैं.

क्या बोले सीनियर प्लमनोलॉजिस्ट 

सीनियर पल्मनोलॉजिस्ट डॉक्टर रविंद्र मेहता जोकि बेंगलुरु के अपोलो हॉस्पिटल में कार्यरत हैं उनके मुताबिक वायरल बीमारियों के मामले में ऐसा ही होता है. कोरोना एक वायरल बीमारी है और बीमारी के बाद अक्सर अतिरिक्त बैक्टीरिया से संक्रमण होने की संभावना होती.उनके मुताबिक ये जो सिचुएशन हो रहे हैं उसमें दो संभावनाएं हैं, एक तो ये की कोविड अभी भी बना हुआ है और दूसरा ये कि कुछ बैक्टीरिया संक्रमण फेफड़े में चले गए हैं जो बुखार का कारण बन रहे हैं.अधिकांश वायरल संक्रमणों  के साथ यही पैटर्न देखा जाता है. इनफ्लुएंजा में भी सेकेंडरी इन्फेक्शन होता है जिससे समस्याएं हो सकती है और कोविड भी वायरल ही है इस वजह से ये यही पैटर्न फॉलो कर रहा है 

लंबे वक्त तक बुखार रहने के ये है वजह

वहीं अन्य डॉक्टर भी इस बात से सहमत करते हैं. वो कहते हैं कि कोरोना सिर्फ 5 से 7 दिनों तक रहता है जिसके बाद बुखार और खांसी चली जाती है, हालांकि कुछ रोगियों को 12 से 14 दिनों के बाद भी लगातार बुखार बना रहता है. इन रोगियों में प्रतिरक्षा में कमी हो सकती है, इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो सकता है. इसके अलावा अनियंत्रित डायबिटीज, सीओपीडी ब्रोंकाइटिसिस, अस्थमा जैसी लगातार फेफड़ों की स्थिति के कारण ऐसा हो सकता है.डॉक्टर्स बताते हैं कि कोरोना के अलावा जो सेकेंडरी इंफेक्शन होता है उससे 12 से 14 दिनों के लिए तेज बुखार आ सकता है. इसके अलावा बहुत सारे रोगियों को बहुत जल्दी स्टेरॉइड दे दिया जाता है और वो सेकेंडरी फंगल इंफेक्शन विकसित कर लेते हैं. अगर फंगल इंफेक्शन बढ़ता है तो रोगी को दूसरे या तीसरे सप्ताह में भी तेज बुखार का सामना करना पड़ सकता है.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 

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