Difference Between  HIV And AIDS: यौन रोग एड्स एक ऐसी बीमारी है जो आज भी लाइलाज है. यानी इस बीमारी की चपेट में एक बार आ गए तो जब तक जिएंगे, इस बीमारी को झेलना होगा. क्योंकि इसकी कोई दवाई नहीं है. एड्स एक संक्रामक रोग भी है. लेकिन यह कुछ खास तरह की लापरवाहियों के कारण ही हो सकता है. यानी अगर आप इन गलतियों को करने से बचे रहेंगे तो आप खुद को एड्स जैसी जानलेवा बीमारी से बचा सकते हैं. 

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एड्स और एचआईवी में क्या अंतर है?

  • जब HIV अपनी गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है, तब यह एड्स का रूप ले लेता है. यानी एड्स एचआईवी की लेटर स्टेज है. HIV वायरस शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम पर अटैक करता है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को इस हद तक कमजोर कर देता है कि एक बार यदि कोई रोग शरीर को लग जाए तो उसे ठीक करने में सामान्य से 10 गुना तक अधिक समय लग सकता है. जबकि कई सामान्य समझने जाने वाले रोग कभी ठीक ही नहीं हो पाते हैं. जैसे, कोई मामूली चोट या इंफेक्शन.
  • AIDS और HIV में एक बड़ा अंतर यह भी है कि यदि किसी को HIV  है तो जरूरी नहीं कि उसे एड्स भी हो. क्योंकि दवाओं के जरिए आप HIV  के वायरस को बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंचने से रोक सकते हैं. HIV के बिना किसी व्यक्ति को एड्स नहीं हो सकता.
  • एड्स एक सिंड्रोम होता है. यानी जिस रोग में एक साथ कई तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं. ऐसा तभी होता है जब किसी व्यक्ति को HIV होने के बाद सही से इलाज और देखभाल ना मिले. 

HIV और  AIDS का इलाज

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  • एड्स पर हुए एक सर्वे की रिपोर्ट्स के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति के शरीर में HIV एड्स का वायरस है तो वह बिना दवाओं के करीब 3 साल तक जीवित रह सकता है. लेकिन यदि किसी व्यक्ति को AIDS के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अधिक हो रही हैं तो बिना दवाओं के वह एक साल से अधिक जीवित नहीं रह पाता है.
  • एक बार यदि शरीर में HIV का वायरस पहुंच जाए तो इसे निकालना असंभव है. लेकिन आप दवाओं और हेल्दी लाइफस्टाइल के जरिए अपनी लाइफ को आराम से जी सकते हैं और एड्स को डिवेलप होने से भी रोक सकते हैं. 

 

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