What Is People Pleaser:ऑफिस हो या घर किसी की मदद करना और किसी को खुश करना अच्छी बात है. लेकिन अगर आप हर वक्त किसी की जी हुजूरी में लगे रहते हैं. या किसी की हर बात पर हां में हां मिलाते हैं तो ऐसा करना आपको भारी पड़ सकता है.ऐसा करने से आप पीपल प्लेजर के शिकार हो सकते हैं. आइए जानते हैं आखिर ये पीपल प्लेजर क्या होता है. और यह किस तरह से आप को प्रभावित कर सकता है.


क्या होता है पीपल प्लेजर ?


पीपव प्लेजर यानी हर वाक्त दूसरों को कंफर्ट महसूस कराना.इस स्थिति में व्यक्ति भले ही खुद खुश ना हो. खुद कंफर्ट ना महसूस करें लेकिन सामने वालों को जरूर अच्छा फील कराता है.ये ज्यादातर ऑफिस में देखने को मिलता है.शुरू शुरू में आप लोगों की बातों में हां में हां मिलाकर उन्हें खुश कर आप उनकी नजर में अच्छे और चहीते बन सकते हैं. लेकिन वक्त के हिसाब से आगे चलकर यह एक बोझ  की तरह लगने लगता है और इससे व्यक्ति हर वक्त मेंटल प्रेशर में रहता है. ये स्थिति तब पैदा होती है जब किसी व्यक्ति को लगता है कि लोग उसे पसंद नहीं करेंगे. उसके सहकर्मी उससे बात नहीं करेंगे. अपने ग्रुप में शामिल नहीं करेंगे. तो ये डर पीपल प्लेजर को विकसित करने का काम करती है. शुरू-शुरू में आपको लगेगा कि किसी के हां में हां मिलाने में बुराई क्या है. लेकिन आगे चलकर कई बार आपकी राय सामने वाले से मेल नहीं खाती है और मजबूरन आपको फिर भी उन्हें खुश रखने के लिए हां में हां मिलाना पड़ता है. इस आदत के चलते लोग मानसिक परेशानियों का शिकार हो जाते हैं... इससे आपके कॉन्फिडेंस और काबिलियत पर भी असर पड़ सकता है .आइए जानते हैं यह आपको किस तरह से नुकसान पहुंचा सकता है.


पीपल प्लेजर के नुकसान


लगातार दूसरों को खुश करने के चक्कर में हम खुद अपने बारे में सोचना ही बंद कर देते हैं. हम अपनी टोटल एनर्जी सामने वाले को खुश करने में लगाते हैं. ऐसा करने से कई बार हम अपने पर्सनल चीजों को भी नजरअंदाज कर देते हैं जो आगे चलकर स्ट्रेस की वजह बन सकता है.इससे आप हर वक्त निराश, गुस्सा और लाइफ से अनसेटिस्फाइड रहने लगते हैं. ऐसा करने से लोग आत्मसम्मान की कमी से जूझते हैं. कई बार ऐसा लगता है कि अगर हम सामने वाले को खुश कर रहे हैं तो सामने वाला भी हमारी बातें सुने. हमें अपने साथ रखें और ऐसा जब नहीं होता है तो व्यक्ति तनाव में रहने लगता है.


कैसे खुद को इससे बचाएं?


इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले ना कहने की आदत डालें. किसी भी मुद्दे पर बिना सोचे समझे हां में हां मिलाना छोड़ दें. आप खुद का पक्ष रखें. ऐसा करने से भले ही लोग आपको ना पसंद करें. लेकिन आप खुद को सुकून फील करा सकेंगे. अपने काम पर फोकस करें. काम के जरिए ही आप लोगों के बीच एडजस्ट हो पाएंगे.ये डर निकाल दें कि लोग आपको अपने साथ रखेंगे की नहीं.आप अच्छा काम करेंगे तो लोग अपने आप आपके पास आ जाएंगे.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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