पिछले दो दशकों से नेशनल फुटबॉल लीग को एक डीजेनरेटिव ब्रेन डिजीज घेरे हुए है. एक बिलियन डॉलर के मुकदमों, कांग्रेस की हियरिंग्स, एक टॉप फिल्म और एक्स-प्लेयर्स के ऑबिचुअरीज में इसके लगातार जिक्र ने अब अमेरिका के इस फेवरेट स्पोर्ट्स में सबसे वॉयलेंट तरीके से घुसपैठ कर ली है. लास वेगास के एक कसीनो एम्प्लॉयी ने न्यूयॉर्क सिटी के स्काईस्क्रैपर में चार लोगों को शूट कर दिया था, जो एनएफएल का हेडक्वार्टर है. उसने एक नोट भी छोड़ा था, जिसमें उसने अपनी मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स के लिए लीग को ब्लेम किया. इसका रीन उसने अपने हाई स्कूल फुटबॉल प्लेयर के टाइम को बताया.

कब पता लगती है यह बीमारी?

27 साल के शेन तमुरा ने अपने वॉलेट में मिले तीन पेजेस के एक नोट में लिखा था कि उन्हें क्रॉनिक ट्रॉमैटिक एन्सेफैलोपैथी है, जिसका डायग्नोसिस सिर्फ डेथ के बाद ही हो सकता है. वहीं, जिन्होंने उन्हें ढूंढा उनसे उसने रिक्वेस्ट की मेरे ब्रेन का स्टडी करें. एनएफएल के अगेंस्ट उसकी कंप्लेंट्स में यह क्लेम भी शामिल था कि लीग ने सीटीई और फुटबॉल से होने वाले डैमेज को छुपाकर प्लेयर्स की सेफ्टी से पहले अपने प्रॉफिट को प्रायोरिटी दी.  एनएफएल प्लेयर्स की सुसाइड्स में एक डरावनी ट्रेंड को रिपीट करते हुए, उसने खुद को चेस्ट में गोली मार ली, और अपने ब्रेन को पोस्टमार्टम के लिए सेफ रख लिया. इससे यह कन्फर्म हो सके कि उसका कॉमन डायग्नोसिस सही था या नहीं.

इन चोटों से भी कनेक्शन

सीटीई, एक डीजेनरेटिव ब्रेन डिजीज, जो मिलिट्री वॉर और कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स में होने वाली नॉर्मल कंस्यूशन और दूसरी हेड इंजरीज से लिंक्ड है. इसका डायग्नोसिस 100 से ज्यादा एक्स एनएफएल प्लेयर्स में किया गया है और यह यूएस की सबसे पावरफुल प्रोफेशनल स्पोर्ट्स लीग के लिए एक थ्रेट बन गई है. इसके डेंजर्स के कारण कुछ स्टेट्स ने यंग फुटबॉल पर बैन लगाने पर विचार किया है. ज्यादातर लेवल्स पर लीग्स को प्रैक्टिस में कॉन्टैक्ट एक्सरसाइज को लिमिट करने के लिए मोटिवेट किया है और इस टफ गेम से सबसे ज्यादा वॉयलेंट एस्पेक्ट्स को हटाने के लिए कई तरह के ट्रॉमा प्रोटोकॉल और दूसरे रूल चेंजेस किए हैं.

आखिर सीटीई क्या है?

क्रॉनिक ट्रॉमैटिक एन्सेफैलोपैथी (सीटीई) ब्रेन के उन एरियाज को अफेक्ट कर सकती है, जो बिहेवियर और इमोशंस को कंट्रोल करते हैं. इससे मेमोरी लॉस, डिप्रेशन, मूड में अचानक चेंज और दूसरी कॉग्निटिव और बिहेवियरल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. हालांकि रिसर्चर्स का कहना है कि ये सिम्पटम्स दूसरी डिजीज से भी लिंक्ड हो सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि लास्ट ब्रेन ट्रॉमा के कई साल या दशकों बाद भी सिम्पटम्स दिख सकते हैं. इस डिजीज के एविडेंस न केवल लंबे प्रोफेशनल करियर वाले लोगों में, बल्कि हाई स्कूल के एथलीट्स में भी पाए गए हैं.

सीटीई और फुटबॉल के बीच की रिसर्च

बोस्टन यूनिवर्सिटी के सीईटी सेंटर द्वारा 2017 में की गई एक स्टडी में पाया गया कि 111 एनएफएल ब्रेन जिनकी जांच की गई, उनमें से 110 में किसी न किसी लेवल पर सीटीई प्रेजेंट था. सितंबर 2024 में, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फुटबॉल प्लेयर्स हेल्थ स्टडी द्वारा की गई एक स्टडी से पता चला कि 2,000 फॉर्मर एनएफएल प्लेयर्स के सैंपल में से लगभग एक तिहाई का मानना था कि उन्हें सीटीई है.

सीटीई के लक्षणों को विस्तार से समझें

क्रॉनिक ट्रॉमैटिक एन्सेफैलोपैथी एक ऐसी दिमागी बीमारी है, जिसके लक्षण समय के साथ डेवलप होते हैं और उनकी गंभीरता हर इंसान में अलग-अलग हो सकती है. ये सिम्पटम्स अक्सर सिर में आखिरी चोट लगने या खेल गतिविधियों के खत्म होने के कई साल या दशकों बाद दिखना शुरू होते हैं. इसके मुख्य लक्षणों में मूड में बदलाव , बिहेवियरल चेंजेस और मेंटल फंक्शन में बदलाव शामिल हैं. इसके अलावा, मांसपेशियों की समस्याएं जैसे चलने में कठिनाई या अनैच्छिक हरकतें भी दिख सकती हैं. ये लक्षण अन्य बीमारियों से भी मिल सकते हैं. इसलिए सही डायग्नोसिस के लिए एक्सपर्ट की सलाह जरूरी है. 

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.