हो सकता है कभी आपको छाती में तेज दर्द हुआ हो और आपने सोचा कि ये दिल का दौरा है. गैस या पेट में जलन भी वास्तव में दिल का दौरा निकला हो. ये भी हो सकता है कि छाती का दर्द सिर्फ मांसपेशी का चोट हो. दरअसल, छाती के दर्द की वजह का पता लगाना अक्सर काफी दुश्वारी होता है. अंतर करना मुश्किल हो जाता है कि ये गंभीर कार्डियक मामला है या सिर्फ मांसपेशी का खिंचाव?
मिथक- मुझे सीने में दर्द नहीं है, तो हार्ट अटैक नहीं है
सच्चाई- छाती के दर्द की शिकायत हार्ट अटैक के मात्र दो तिहाई मामलों में मुख्य होती है. बाकी बचे एक तिहाई में मरीजों को छाती के दर्द की शिकायत नहीं होती. उनको असामान्य शिकायत जैसे कांधे में दर्द, जबड़े का दर्द, गले में घुटन, पसीना, सांस की कमी, मतली, चक्कर या गंभीर थकान होते हैं. बहुत कम लोगों को किसी भी लक्षण का अनुभव बिल्कुल नहीं हो सकता है.
मिथक- छाती का दर्द दाहिनी तरफ हार्ट अटैक नहीं है
हकीकत- छाती का दर्द बाएं, दाहिने या दोनों तरफ हो सकता है और दिल के दौरे या दिल में ब्लॉकेज का प्रतिनिधित्व कर सकता है. छाती के दबाव या जकड़न का अनुभव कहीं भी महसूस किया जा सकता है, यहां तक कि ऊपरी पेट में, और आम तौर पर गर्दन, बाजू, कांधा और जबड़े तक फैल जाता है.
मिथक- लेटने या आराम करने से हार्ट अटैक रुकएगा
हकीकत- अगर आपको संदेह है कि आपको दिल का दौरा पड़ रहा है, तो आपको तत्काल करीबी अस्पताल जाना चाहिए और ईसीजी करवाना चाहिए. लेटना, इंतजार करना, आराम करना, खांसना और कोई अन्य अभ्यास करना केवल अनावश्यक देरी का कारण आपके इलाज में बन सकता है और समस्या को बढ़ा भी सकता है.
मिथक- क्या हार्ट अटैक के दौरान दिल धड़कना बंद कर देता है?
हकीकत- हार्ट अटैक होने पर धमनी में रक्त का प्रवाह रुक जाता है, जो दिल के टिश्यू को नुकसान पहुंचा सकता है. जब दिल धड़कना बंद कर देता है, तो उसे 'कार्डियक अरेस्ट' के रूप में बयान किया जाता है. हार्ट अटैक कार्डिएक अरेस्ट का कारण बन सकता है. इसलिए, हार्ट अटैक के कार्डियक अरेस्ट में बदलने से पहले समय रहते अस्पताल पहुंचने का मौका नहीं गंवाना चाहिए.
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